विदिशा। मेरे माता-पिता ने मुझे इसलिए पढ़ाया-लिखाया था कि जरूरत पढ़ने पर में जॉब कर सकूं। लेकिन ससुराल पक्ष मुझे जॉब नहीं करने दे रहा। मेरी अंकसूचियां छीन ली गई हैं। मारपीट करना, दहेज की मांग करना और शारीरिक मानसिक रूप से प्रताड़ित करना आम बात हो गई है। प्रताड़ित पत्नी पिछले डेढ़ साल से अपने मायके में रह रही है। हाल ही में उसने महिला एवं बाल विकास विभाग की घरेलू हिंसा निवारण शाखा में आवेदन दिया है।
गुलाबगंज तहसील की 25 वर्षीय महिला सत्यवती ने घरेलू हिंसा निवारण शाखा में आवेदन दिया है। महिला का विवाह उसी के गांव के सत्यदेव के साथ वर्ष 2013 में हुआ था। महिला का आरोप है कि विवाह के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष द्वारा उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। गर्भावस्था के दौरान भी उसके साथ मारपीट की जाती रही। वर्ष 2015 में उसने बेटे को जन्म दिया। इसके बाद भी प्रताड़ना जारी रही।
परिवार में चल रही कलह से परेशान होकर जब उसने जाब करने का मन बनाया तो ससुराल पक्ष ने दो टूक शब्दों में मना कर दिया और उसकी मार्कशीट भी छीन ली गई। पीड़ित महिला ने मार्कशीट, स्त्रीधन, कपड़े आदि दिलाने की मांग की है जिससे वह कहीं जाब कर अपना भरण-पोषण कर सके। काउंसलर मुकेश ताम्रकार का कहना है कि महिला ने आवेदन दिया है। इस मामले में राजीनामा कराने के लिए रिश्तेदार भी पहल कर रहे हैं। इसलिए महिला के कहने पर अभी ससुराल पक्ष को नहीं बुलाया गया। राजीनामा नहीं होने की स्थिति में ससुराल पक्ष के कथन लिए जाएंगे और मामले को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
इधर पत्नी तलाक के लिए अड़ी
इधर कोतवाली स्थित परिवार परामर्श केन्द्र में एक पति ने पत्नी द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया है। विदिशा निवासी पति भोले का आरोप है कि उसकी पत्नी भावना उसे परेशान करती है। जब चाहे मायके चली जाती है। इससे पहले वह उस पर दहेज प्रताड़ना की कायमी भी करा चुकी है। काउंसलर पं मदनकिशोर शर्मा ने बताया कि जब महिला को समझाइश के लिए बुलाया गया तो उसने पति से तलाक दिलाने की बात कही है। पत्नी का आरोप है कि पति घर खर्च के लिए रुपए नहीं देता। शराब पीकर मारपीट करता है। हालांकि इस मामले में पहले दो बार राजीनामा कराया जा चुका है। दंपति का पक्ष सुनने के बाद एक सप्ताह का समय दिया गया है। आरक्षक रुचिसिंह का कहना है कि यदि मामला नहीं सुलझता तो कानूनी सलाह दी जाएगी।