देहरादून: साहस और पराक्रम में उत्तराखंडी जांबाजों का कोई सानी नहीं है। सेना हो या अद्र्ध सैनिक बल, उन्होंने जांबाजी की कई मिसाल कायम की हैं। यही वजह कि वीरता पदकों की सूची में भी सूबे के जांबाज अग्रिम पंक्ति में खड़े दिखाई देते हैं। इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर मेजर विजयंत बिष्ट को कीर्ति चक्र मिला है।
वर्तमान में वह जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री में तैनात हैं। इसके अलावा प्रतिनियुक्ति पर असम राइफल्स में तैनात मेजर सचिन रावत को भी सेना मेडल मिला है। गढ़वाल राइफल्स के हवलदार अवतार सिंह, राइफलमैन योगेश सिंह और राइफलमैन सचिन राणा को भी सेना मेडल से अलंकृत किया गया है।
कमांडेंट मूर्ति सिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक
असम राइफल के कमांडेंट मूर्ति सिंह सजवाण को राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। वह मूलरूप से टिहरी जनपद के पट्टी धारा खड़वाल गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के माया विहार में रहता है। उन्हें जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान किए गए सराहनीय कार्य के लिए यह सम्मान मिला है। इससे पहले सशस्त्र सीमा बल में छह साल तक प्रतिनियुक्ति पर रहते उन्होंने भारत-नेपाल सीमा पर भी सराहनीय कार्य किया। इधर, असम राइफल्स पूर्व सैनिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन अमर सिंह गुसाईं ने कहा कि इससे असम राइफल के सेवारत व सेवानिवृत्त जवानों का मनोबल बढ़ा है।
कमांडेंट किशोर कुमार ने बढ़ाया मान
घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों को ढेर करने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कमांडेंट किशोर कुमार को राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। कमांडेंट किशोर कुमार देहरादून के पंडितवाड़ी के रहने वाले हैं। उनका परिवार मूल रूप से अल्मोड़ा के पिनबगड़ गांव का रहने वाला है। केवि एफआरआइ व डीबीएस पीजी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह सीआरपीएफ में भर्ती हुए। मार्च 2016 को जम्मू-कश्मीर के डरसराय क्षेत्र में उन्होंने दस जवानों की सैन्य टुकड़ी के साथ ऑपरेशन चलाकर हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। इन आतंकवादियों पर 33 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सीआरपीएफ महानिदेशक ने भी उनके नेतृत्व में ऑपरेशन को अंजाम देने वाली सैन्य टुकड़ी को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया था।
असिस्टेंट कमांडेंट संतोष कुमार को सम्मान
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के देहरादून स्थित आइजी सेक्टर हेडक्वाटर कार्यालय में तैनात असिस्टेंट कमांडेंट संतोष कुमार सुमन को भी राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला है। वह मूलरूप से बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर के पंपौर में तैनात रहते हुए उन्होंने दो आतंकवादियों को ढेर किया था। इससे पहले श्रीनगर में भी ऑपरेशन चलाकर उन्होंने आतंकियों का सफाया किया था।
वर्ष 2015 में पुलवामा सेक्टर से घुसपैठ कर पंपौर पहुंचे दो आतंकवादियों को उन्होंने ढेर कर दिया था। इनमें से एक आतंकी पाकिस्तान का और दूसरा श्रीनगर का रहने वाला था। आतंकवादियों से सीआरपीएफ की टुकड़ी ने भारी मात्रा में गोला बारूद व हथियार भी बरामद किए थे। दस साल तक जम्मू-कश्मीर में तैनात रहने के बाद कमांडेंट संतोष कुमार का स्थानांतरण कुछ दिन पहले ही देहरादून स्थित सेक्टर हेडक्वार्टर में हुआ है।