कांग्रेस में एक बार फिर अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य ने नैनीताल विधानसभा सीट पर उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले हेमलाल आर्य को पार्टी में शामिल करने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के दबाव में बिना उनकी सहमति के हेमलाल आर्य को पार्टी में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हेमलाल आर्य को पार्टी की सदस्यता दी जाती है तो वे पार्टी व पद पर रहने पर विचार करेंगी।
सरिता आर्य के इस रुख से पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि पार्टी को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
कांग्रेस में इस समय बीते विधानसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ चुके नेताओं को पार्टी में शामिल करने का सिलसिला चल रहा है। इससे अन्य नेताओं में नाराजगी भी है।
इसी कड़ी में इस समय नैनीताल विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी सरिता आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ चुके व पूर्व भाजपा नेता हेमलाल आर्य को कांग्रेस में शामिल करने की तैयारी है। इसके लिए 19 जून को स्वराज आश्रम में हेमलाल आर्य, जिला पंचायत सदस्य उनकी धर्मपत्नी समेत समर्थक कांग्रेस में शामिल होंगे।
पार्टी के इस कदम पर प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष व नैनीताल सीट से पार्टी टिकट पर चुनाव लडऩे वाली सरिता आर्य ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलौत को पत्र लिखकर इस पर अपनी नाराजगी प्रकट की है।
प्रदेश नेतृत्व से लेकर सरिता की भी सहमति : इंदिरा
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा है कि हेम आर्य मजबूत नेता है। उनकी पत्नी जिला पंचायत की सदस्य हैं। उनकी ज्वाइनिंग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह से लेकर सभी की सहमति प्राप्त की जा चुकी है। खुद महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष व नैनीताल की पूर्व विधायक सरिता आर्य की सहमति भी है। उनकी उपलब्धता न होने की वजह से तीन बार ज्वाइनिंग की डेट बदली है।
उन्होंने कहा कि ज्वाइनिंग की जहां तक बात है तो यह पार्टी हाईकमान ने ही तय किया है कि स्थापित नेता अगर पार्टी में प्रवेश चाहते हैं तो सर्वसम्मति से उन्हें प्रवेश कराया जा सकता है। ऐसे में एक जिम्मेदार प्रकोष्ठ की शीर्ष पदाधिकारी के स्तर से यह बातें शोभा नहीं देतीं।