उत्तराखंड प्रदेश में कांग्रेस पंचायत चुनाव में युवाओं को तरजीह देने जा रही है। नए पंचायती राज कानून में दो बच्चों और शैक्षिक योग्यता की पाबंदी ने बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधियों को चुनाव से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
हाईकोर्ट से नए कानून को लेकर कोई आदेश पारित नहीं होने की स्थिति में पार्टी के लिए युवाओं पर दांव खेलना मजबूरी भी बन गया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि युवक कांग्रेस के साथ ही एनएसयूआइ को भी पंचायतों में सक्रिय युवाओं को चिहिनत करने को कहा गया है।
प्रदेश सरकार नया पंचायती राज कानून लागू कर चुकी है, हालांकि इसे एक संगठन की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। कांग्रेस को यह उम्मीद है कि हाईकोर्ट से उक्त कानून के आधार पर आगामी पंचायत चुनाव को लेकर सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। इसके बावजूद पार्टी नए कानून के मुताबिक भी चुनाव की तैयारी में जुटी है।
नया कानून लागू रहा तो पंचायत चुनाव के मोर्चे पर पार्टी को युवाओं को आगे बढ़ाना होगा। इसे भांपकर पार्टी ने अपने फ्रंटल संगठनों युवक कांग्रेस और एनएसयूआइ के साथ ही महिला कांग्रेस के सहयोग से युवा व नए कानून के मुताबिक पात्रता रखने वाले प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह का कहना है कि पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए युवाओं का विशेष सहयोग लिया जाएगा। पंचायत चुनाव में भी युवाओं को आगे बढ़ाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।