आप सभी ने आज तक कई मंदिरों के बारे में सुना या पढ़ा होगा. ऐसे में सावन के महीने में आज हम आपको एक ऐसी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानने के बाद आपको हैरानी होगी. जी दरअसल हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं वह मुरादाबाद-आगरा राजमार्ग पर सदत्बदी गांव में स्थित है. यह अति प्राचीन पातालेश्वर मंदिर है जहाँ की परम्परा सबसे निराली है. जी दरअसल यहाँ एक प्रचलित लोक मान्यता है जिसके तहत कुछ ऐसा होता है जिसे जानने के बाद आपको हैरानी होगी.

यहाँ मंदिर में शिवलिंग को लेकर यह मान्यता है कि इस पर झाडू चढ़ाने से मनुष्य के बड़े से बड़े रोग खत्म हो जाते हैं. यहाँ जो भी रोगी आता है उसे झाड़ू लानी होती है. वह शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ा दे तो उसे सभी रोगों से छुटकारा मिलता है. इसी के कारण आम दिनों में भी यहाँ मंदिर श्रद्धालुओं से भरा रहता है. कहा जाता है यहाँ प्रचलित मान्यताओं के कारण ऐसा होता है. यहाँ के लोगों का कहना है सदियों पहले यहां एक भिखारी दास व्यापारी रहता था, जो बहुत धनवान था. मगर चर्म रोग से पीड़ित था. एक बार व्यापारी उपचार करवाने के लिए किसी वैद्य के पास जा रहा था. तभी अचानक से उन्हें बहुत तेज़ प्यास लगी, उन्हें एक आश्रम दिखाई दिया पानी पीने की इच्छा से वे उसके अंदर चले गए. लेकिन जाते-जाते भिखारीदास आश्रम में रखे एक झाड़ू से टकरा गए.
कहते है कि झाड़ू के स्पर्श मात्र से ही उन्हें अपने सभी रोगों से मुक्ति मिल गई. उसके बाद व्यापारी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा और उस व्यापारी ने आश्रम मे रहने वाले संत को हीरे-जवाहरात देने के बारे में कहा. कहा जाता है उस समय संत ने व्यापारी से शिव मंदिर बनवाने के लिए कहा और व्यपारी ने वही किया. उसी के बाद से मंदिर में झाड़ू चढ़ाने की परंपरा है.
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