लखनऊ.6 सितंबर 2013, ये तारीख सीमा (बदला हुआ नाम) कभी नहीं भूल सकती है। ये वही दिन है, जब उसे एक ऐसे नर्क से छुटकारा मिला, जिसमें वो घुट-घुटकर जी रही थी। उसका आरोप है कि उसके पिता और भाई ने उसके साथ 9 साल (3000 दिन) तक रेप किया। इतना ही नहीं उसकी मां ने 8 बार उसका अबॉर्शन कराया। हालांकि अब वो तीनों (बाप-मां-भाई) जेल में हैं। मामला लखनऊ के आलमबाग का है।
तांत्रिक का था चक्कर…
– सीमा कहती है- वो 14 साल तक अपनी नानी के घर रही। इसके बाद वह अपने पिता के घर आ गई। उसके नए घर का गृहप्रवेश था। इसी दिन उसके पिता की तबीयत खराब हो गई।
– पिता डॉक्टर के जाने के बजाए तांत्रिक के पास गए। उसने कहा कि अपनी जिंदगी बचाने के लिए पापा को बेटी से संबंध बनाने होंगे। फिर उसे जबरदस्ती पिता के साथ संबंध बनाने पर मजबूर किया गया। जब कभी भी वो इसका विरोध करती तो उसकी पिटाई की जाती थी।
– 9 साल तक पिता और भाई उसका रेप करते रहे। सीमा ने कहा कि एक दिन (6 सितंबर) वो बेरोजगारी भत्ते का फॉर्म भरने के बहाने घर से निकली और सीधे अखिलेश यादव के दरबार में पहुंच गई।
– उसने अपनी दर्दभरी कहानी को उनके सामने बयां किया। इसके बाद मां-पिता और भाई के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। – सीमा को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उन्हें को नई आशा नाम के एक एनजीओ ने गोद लिया, इसके बाद कविता की जिंदगी पटरी पर आ गई।
करेंट स्टेटस
– पीड़िता ने बताया कि 2016 में उसने डाकघर और सचिवालय में निकली क्लर्क की नौकरी के लिए अप्लाई किया था। दोनों में उसका नाम भी आया था। लेकिन सरकार बदलते ही उसकी नौकरी का सपना टूट गया।
– उसने किराए के मकान में ब्यूटीपार्लर खोला है। उससे वो 13,500 रुपए मकान मालकिन को किराया देती है। वो कहती है, कि पार्लर से वो करीब 20 से 25 हजार रुपए कमा लेती है।
– अपना केस भी वो खेद ही देख रही है। केस में ट्रायल चल रहा है। उसका बयान हो चुका है। उसकी एक दोस्त का बयान होना बाकी है। उसके बाद फसला होना है।