सरकार के स्वच्छता अभियान का इसे असर कहें या जागरूकता का परिणाम। जिला मुख्यालय से छह किमी दूर समस्तीपुर प्रखंड के जितवारपुर चौथ गांव की रहने वाली 10वीं कक्षा की छात्रा मुसर्रत परवीन ने सिर्फ इसलिए अपना घर छोड़ दिया, क्योंकि घर में शौचालय नहीं था।
इस निर्णय के साथ उसने बीते 15 अक्टूबर को घर छोड़ दी। उसे भटकते देख पुलिस ने बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया। पूछताछ के बाद बाल कल्याण समिति उसे ममता शिशु गृह भेज दी। तब से वह वहीं रह रही थी। मंगलवार को पिता की पहल पर उसे मामा के घर भेज दिया गया।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष तेजपाल सिंह ने बताया कि घर में शौचालय नहीं होने के कारण मुसर्रत ने अपने घर जाने से इनकार कर दिया। पिता की उपस्थिति में उसे मामा के साथ भेजा गया है, जहां शौचालय की व्यवस्था है। उसके घर पर शौचालय बनवाने के लिए जिलाधिकारी से मिलकर पहल की जाएगी। वहीं मुसर्रत ने बताया कि बाहर शौच के लिए जाना पर्यावरण को गंदा करना है और इससे समाज में परिवार की इज्जत भी कम होती है। उसने बताया कि स्कूल में और टीवी पर भी स्वच्छता के बारे में बताया जाता है। सरकार ने सभी स्कूलों में हमारे लिए अलग शौचालय बनाया फिर हमारे घर में एक भी शौचालय क्यों नहीं। अब पापा शौचालय बनवाएंगे तभी घर जाएंगे।
पर्यावरण के प्रति है चिंता :स्थानीय विद्यालय में दसवीं में पढ़ रही मुसर्रत शादी से पूर्व अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती है। उसने बताया कि वह पढ़ाई पूरी कर पुलिस में भर्ती होना चाहती है ताकि समाज में गंदगी फैलाने वालों को वह दंडित कर सके। हमारे जवान दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं तो क्या हम अपने आसपास गंदगी न फैलाकर अपने पर्यावरण की रक्षा नहीं कर सकते। वह स्कूल को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करती है।
पड़ोसी नहीं बनने दे रहे शौचालय
मुसर्रत के पिता मो. सज्जू ने बताया कि वह चाय-नाश्ते की दुकान कर अपनी आजीविका चलाते हैं। उसके सात बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटे व चार बेटियां हैं। मुसर्रत पहली पत्नी की एकमात्र संतान है। उसने कहा कि मुसर्रत पढ़ने में तेज, समझदार और भला-बुरा समझने वाली है। वह अपने मामा मो. मुमताज के घर मोरदीवा चली गई है। अब सरकार की मदद के बिना शौचालय बनना भी मुश्किल है। वह मेरी पहली संतान है, उसकी जरूरत को पूरा करूंगा।
मुसर्रत के घर बनेगा शौचालय
समस्तीपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि मुसर्रत और इसकी जैसी किसी बच्ची को शौचालय के लिए घर छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। जमीन न होने की स्थिति में बगल से जमीन उपलब्ध कराकर भी मुसर्रत के यहां शौचालय बनवाया जाएगा।