इसरो की महात्वाकांक्षी परियोजना ‘चंद्रयान-2′ की असफलता के बाद अब इसपर राजनीति भी शुरू हो गयी है। कर्नाटक के पूर्व सीएम एच डी कुमारस्वामी ने कल यानि गुरूवार को इस संबंध में बयान देकर बवाल खड़ा दिया।

कुमारस्वामी ने पीएम मोदी को इसरो के लिए अशुभ बताया। उन्होंने कहा कि इसरो मुख्यालय में पीएम की मौजूदगी ‘अशुभ’ साबित हुई होगी, जिसके कारण ‘चंद्रयान-2′ मिशन के लैंडर विक्रम की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ असफल हो गई।
पूर्व सीएम ने कहा कि मैं नहीं जानता, मगर संभवत: वहां उनके कदम रखने का समय इसरो वैज्ञानिकों के लिए अपशगुन लेकर आया। बता दें कि देवेगौड़ा परिवार अपने अंधविश्वास के लिए भी जाना जाता है।
पूर्व सीएम और जेडीएस नेता ने कहा कि पीएम मोदी छह सितंबर को देश के लोगों को यह संदेश देने के लिए बेंगलुरु पहुंचे कि चंद्रयान के प्रक्षेपण के पीछे उनका हाथ है, जबकि यह परियोजना 2008-2009 के दौरान की संप्रग सरकार और वैज्ञानिकों का परिणाम थी. कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘बेचारे वैज्ञानिकों ने 10 से 12 साल कड़ी मेहनत की।
‘चंद्रयान-2′ के लिए कैबिनेट की मंजूरी 2008-09 में दी गई थी और इसी साल फंड जारी किया गया था। कुमारस्वामी ने बताया कि पीएम मोदी यहां प्रचार पाने के लिए आए, जैसे मानो ‘चंद्रयान-2′ का प्रक्षेपण उन्हीं के कारण हुआ. ‘चंद्रयान-2′ मिशन को सात सितंबर को उस समय झटका लगा था
‘विक्रम’ लैंडर का पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से संपर्क टूट जाने के कारण चंद्रमा की सतह पर योजना के मुताबिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं हो पाई। इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक के सीएम बी एस येदियुरप्पा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह केंद्र के सामने मजबूर हैं। वह केंद्र से अपेक्षित सहयोग लेने में असफल साबित हो रहे हैं।
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