नई दिल्ली। नन्हीं परी, तुमने इस जालिम जमाने से ऐसा क्या मांग लिया जो तुम्हें ऐसी मौत नसीब हुई ? तेरी छोटी सी देह के लिए तो टुकड़े जितना ही कफन आता, या तेरे हिस्से की जमीन तो दो गज से भी बहुत कम थी। क्यों तुम्हें इस जहान तक आने के लिए गंदा और गलीच रास्ता मिला?
इतने सारे सवालों की झड़ी उस रूह के सामने लगी थी जो महज तीन माह की नवजात बच्ची की थी और जिसने अभी-अभी आसमानी दुनिया में कदम रखा था। वह रूह भी इन सारे सवालों का क्या जवाब दे पाती। क्योंकि जिस समाज से वह लौट आई है, वहां लोगों की आत्मा में तो कीड़े लग गए हैं और मानवीयता बजबजा रही है। अभी तो जिंदगी में उसने किलकना-पुलकना भी न सीखा था, आंखे भी न खोलीं थीं कि इससे पहले ही उसे गंदे नाले के हवाले कर दिया गया और कीड़ों ने जमकर दावत उड़ाई।
यह है मामला
तीन मार्च को पुलिस कंट्रोल रूम को मुखर्जी नगर थाने में किसी नवजात का शव पड़ा होने की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची और जब शव निकलवाया तो उसे देखकर उनकी रूहें कांप गईं व रोंगटे खड़े हो गए। शव लगभग तीन माह की बच्ची का था। उसकी आंखें नदारद थीं और उनमें कीड़े बजबजा रहे थे। चेहरे को भी कीड़ों ने बुरी तरह से खाया हुआ था। हालांकि उसके हाथ-पैर सलामत थे। बच्ची के बदन पर कपड़ा भी था। यह दृश्य बड़ा ही वीभत्स था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबू जगजीवन राम अस्पताल में सुरक्षित रखवा दिया और अब तक उसकी शिनाख्त में लगी हुई है। हालांकि इसमें निराशा ही हाथ लगी है।
सीसीटीवी खंगाले, कइयों से पूछताछ
पुलिस ने मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराया। बच्ची की पहचान के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी हैं। 50 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा चुके हैं, जगह-जगह इश्तेहार लगे हैं और लोगों से पूछताछ भी जारी है। जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बच्ची को कहीं और नाले में फेंका गया है। उसकी मौत नाले में फेंकने से पहले हुई या नाले के गंदे पानी में डूब कर दम घुटने से हुई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।
कहीं बेटी होने की सजा तो नहीं मिली
इस वीभत्स तरीके से शव मिलने पर एक कयास यह भी लगाया जा रहा है कि कहीं नवजात को बेटी होने की सजा तो नहीं मिली है। क्योंकि ऐसे मामले अब भी कम नहीं हुए हैं जिनमें नवजात बच्चियां सिर्फ बोझ समझे जाने के कारण मौत के मुंह में धकेलीं गईं हैं। राजधानी दिल्ली ऐसी कई घटनाओं की साक्षी रही है।
शव के साथ ऐसा बर्ताव गलत
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि नवजात की मौत सामान्य है तो भी इस तरह का बर्ताव अमानवीय है और आपराधिक भी। कई और भी मामले हो सकते हैं। हालांकि बिना शिनाख्त के कुछ कहा नहीं जा सकता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी कुछ बातें स्पष्ट हो जाएंगी।
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