भारत और चीन सहित दुनिया में कई देशों में बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या जहां समस्या बन रही है। वहीं दुनिया के कुछ ऐसे देश हैं, जहां जनसंख्या की दर निगेटिव है। यानी वहां जन्म से ज्यादा मौतें हो रही हैं। ऐसा ही एक देश हंगरी हैं, जहां जनसंख्या बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना पड़ रहा है। शरणार्थियों को स्वीकार किए बिना कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाने के लिए ज्यादा बच्चों को जन्म देने की योजना को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सरकार ने इसके लिए कई लोकलुभावन योजनाएं शुरू की हैं, तो कई तरह की छूट देने का भी ऐलान किया गया है। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने रविवार को देश के नाम दिए अपने भाषण में ऐलान किया कि चार से ज्यादा बच्चे होने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि जो महिला चार से ज्यादा बच्चों को जन्म देगी, उसे आजीवन इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
इसके अलावा ज्यादा बच्चों वाले परिवार को कई तरह की वित्तीय मदद और सब्सिडी भी दी जाएगी। नव विवाहित जोड़ों को लोन दिया जा रहा है, जो दो या तीन बच्चों के होने पर आंशिक या पूर्ण रूप से माफ कर दिया जाएगा। फैमिली कार खरीदने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं। चाइल्ड केयर फैसिलिटीज को बढ़ा दिया गया है। बताते चलें कि पीएम के खुद पांच बच्चे हैं।
प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने कहा कि यूरोप में कम बच्चे पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से हंगरी की जनसंख्या में हो रही कमी पर लगाम लगेगी और महिलाएं ज्यादा बच्चों के लिए प्रोत्साहित होंगी। पश्चिमी देशों के लिए इस समस्या से निपटने का हल शरणार्थियों को शरण देना है।
इनका शरणार्थियों से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, उन्होंने अपने भाषण में कहा कि यूरोपीय यूनियन के नेता दूसरे महाद्वीपों से आए लोगों से यूरोप को भर देना चाहते हैं। हंगरी के पीएम ने कहा कि बिना जांचे परखे आए प्रवासी लोगों के चलते यूरोप के देशों में मिश्रित जनसंख्या हो जाएगी। इसके चलते इन देशों में मुस्लिमों का दबदबा हो जाएगा और ईसाई जल्द ही अल्पसंख्यक बन जाएंगे।