टलोन की अर्जी देने पर बैंक कुछ ना कुछ जरूरी दस्तावेजों की गारंटी मांगता है। साहूकार से कर्ज के लिए सोना गिरवी रखना पड़ता हैं। लेकिन आपको सुनकर अचंभा होगा कि उत्तराखंड के एक गांव के लोग सिर्फ भगवान की कसम दिलवाकर लोन दे देते हैं।
इस गांव के लोगों के लिए भगवान सोमेश्वर की कसम से बड़ी कोई गारंटी नहीं है। खास बात यह है कि इस गांव में कोई एक-दो नहीं बल्कि कई साहूकार हैं। तभी तो इस गांव को साहूकार गांव या लोन विलेज कहा जाता है। उत्तराखंड का यह साहूकार विलेज गंगी टिहरी गढ़वाल में है। गंगी गांव के बीचों बीच भगवान सोमेश्वर का प्राचीन मंदिर है। उधार देने से पहले इसी मंदिर के प्रांगण में एक दिया जलाकर भगवान सोमेश्वर को साक्षी मान उधार दिया जाता है। गंगी गांव के लोगों ने सबसे अधिक धनराशि लोन के रूप में केदारघाटी में दी है।
केदारनाथ से लेकर गौरीकुंड, सोनप्रयाग, त्रिजुगीनारायण, सीतापुर और गुप्तकाशी जैसे बाजारों में सैकड़ों होटल, ढाबे, घोड़े खच्चर और छोटे-बडे व्यवसायी गंगी गांव से उधार लेते आए है। उधार देने की प्रक्रिया भी अजीबोगरीब है। यहां केवल सोमेश्वर भगवान ही गवाह होता है। केदारघाटी ही नहीं बल्कि गंगोत्री और भिलंगना घाटी में भी इस गांव के लोगों ने उधार दिया है।