नई दिल्ली रियो में ओलिंपिक गेम्स को मिलाकर 70 मेडल जीते और मेडल टैली में वो थर्ड पोजिशन पर रहे।
इन मेडल्स को जीतने के पीछे चीन के एथलीट्स की कड़ी मेहनत का हाथ तो है ही साथ ही क्रूर ट्रेनिंग को भी इसका क्रेडिट जाता है। चीन में चैम्पियन एथलीट्स तैयार करने के लिए काफी कम उम्र से ही बच्चों की ट्रेनिंग का दौर शुरू हो जाता है।ये ट्रेनिंग इतनी खतरनाक और दर्दनाक होती है कि उसे देखकर कोई भी हैरान हो सकता है।
इस ट्रेनिंग के दौरान बच्चे अक्सर चीखते-चिल्लाते और रोते हुए देखे जाते हैं। यहां तक कि कई बार उन्हें चोट भी लग जाती है।
लेकिन चीन के कड़े रूल्स के मुताबिक इसके बाद बच्चों को ट्रेनिंग छोड़ने की इजाजत नहीं होती है। हालांकि बच्चों के पैरेंट्स भी खुशी-खुशी उन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजते हैं।उनका मानना है कि इतनी टफ ट्रेनिंग से ना केवल उनका बच्चा काफी मजबूत हो जाएगा बल्कि देश के लिए मेडल्स जीतने के काबिल भी हो जाएगा।
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