एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने 11 लाख इलेक्ट्रिक कारों को रिकॉल किया है। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला की इन ई-कारों में विंडो रिवर्स का एक ऑटोमैटिक सिस्टम सही से काम नहीं कर रहा है। इससे कार में बैठे व्यक्ति को चोट लगने का खतरा है। टेस्ला ने नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन से कहा है कि वह टेस्ला कार में इस सिस्टम को ठीक करने के लिए सॉफ्टवेयर का अपडेट देगी। टेस्ला 2017-2022 के मॉडल 3, 2020-2021 के बीच की मॉडल Y और 2021-2022 के दौरान की मॉडल S और मॉडल X व्हीकल की यूनिट्स को रिकॉल किया है।
ट्रैफिक सेफ्टी रेगुलेटरी ने कहा कि प्रोपर ऑटोमैटिक रिवर्सिंग सिस्टम के बगैर विंडो को बंद किया जाता है, तो उसका नुकसान चालक को उठाना पड़ सकता है। हालांकि, टेक्सास स्थित कंपनी ने बताया है कि अभी तक किसी भी वारंटी क्लेम और क्रैश होने की शिकायत सामने नहीं आई है। न ही अभी तक किसी के हताहत और जान जाने की शिकायत सामने आई है।
अगस्त में रेगुलेट हुई थी प्रॉब्लम
इस प्रॉब्लम को सबसे पहले अगस्त में रेगुलेट किया जा चुका है। कार विंडोज को अगर जरूरत से ज्यादा ताकत के साथ बंद किया जाता है, तो उसका नुकसान चालक को उठाना पड़ सकता है। नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) को सौंपी गई अपनी सेफ्टी रिकॉल रिपोर्ट में टेस्ला ने कहा कि 12 सितंबर को कंपनी ने निर्धारित किया कि परीक्षण के परिणामों में पिंच डिटेक्शन और र्रिटेक्शन परफॉर्मेंस स्प्रिंग फोर्स और रॉड कॉन्फिगरेशन के आधार पर FMVSA 118, सेक्शन 5 (ऑटोमैटिक रिवर्सल सिस्टम) की आवश्यकताओं को पार कर गया। इसीलिए, टेस्ला ने व्हीकल को रिकॉल करने का फैसला लिया।
पहले CPU में खराबी भी आ चुकी
मई में भी टेस्ला को ओवरहीटिंग सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) के कारण टचस्क्रीन में आई परेशानी को ठीक करने के लिए 1,30,000 कारों को वापस बुलाना पड़ा था। इन कारों में CPU के अधिक गर्म होने के कारण कार का टचस्क्रीन पूरी तरह से ब्लैंक होने की परेशानी थी। इस प्रॉब्लम को ठीक रने के लिए कंपनी ने ओवर-द-एयर अपडेट (OTA) जारी किया था। टेस्ला अपनी कार भारत में भी लाने की योजना बना रही है, लेकिन मामला गाड़ी पर लगने वाले टैक्स लेकर फंसा हुआ है।