राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस भेजा है। तेज प्रताप का नोटिस का जवाब 10 दिनों के भीतर देना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के वकील वैभव मिश्रा ने चारा घोटाला मामले में फैसला आने के बाद तेजप्रताप के बयान पर आपत्ति जताई है। सीबीआई की रांची स्थित विशेष अदालत ने चारा घोटाले मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया, वहीं इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा सहित सात लोगों को बरी कर दिया।
जिसके बाद तेज प्रताप ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा था कि लालू प्रसाद भी यदि ‘मिश्रा’ होते तो उन्हें भी बेल मिल जाती। सुप्रीम कोर्ट ने तेजप्रताप के बयान पर आपत्ति जताते हुए तेज प्रताप यादव को नोटिस भेजा है।
कोर्ट की नोटिस पर राजद नेता शिवानंद तिवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि तेज प्रताप यादव ने ठीक कहा है। तिवारी ने भी कहा कि यदि लालू ‘मिश्रा’ होते, तो वह भी जेल नहीं जाते। तिवारी ने कहा है कि, ‘हम किसी नोटिस की परवाह नहीं करते हैं। हम डरते नहीं है। सच बोलने से जेल भेजा जाता है, तो हम जेल जाने के लिए भी तैयार हैं।