ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआइआइ) यानी वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत पहली बार शीर्ष 50 देशों में शामिल हुआ है। भारत ने चार पायदान की छलांग लगाई और 48वें स्थान पर पहुंच गया है। मध्य और दक्षिण एशियाई देशों में वह इस सूचकांक में शीर्ष पर बना हुआ है। विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआइपीओ), कॉर्नेल विश्वद्यिालय और इनसीड बिजनेस स्कूल द्वारा बुधवार को संयुक्त रूप से वैश्विक नवाचार सूचकांक, 2020 की सूची जारी की गई। इसके मुताबिक शीर्ष स्तर पर स्थिरता बनी हुई है, लेकिन नवाचार का केंद्र पूरब के देशों की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है।

भारत, चीन, फिलीपींस और वियतनाम जैसे देश नवाचार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े हैं। डब्ल्यूआइपीओ ने एक बयान में कहा है कि स्विटजरलैंड, स्वीडन, अमेरिका, ब्रिटेन और नीदरलैंड सूची में आगे बने हुई हैं। पहले के 10 स्थानों पर अमीर देशों का ही दबदबा है। भारत के बारे में बयान में कहा गया है कि यह नवाचार के क्षेत्र में दुनिया की तीसरी सबसे निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। जीआइआइ के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और उपलब्ध नवीन संकेतकों से ऐसा हो पाया है।
सूची के मुताबिक, आइसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी), सेवाओं के निर्यात, सरकारी ऑनलाइन सेवाओं और विज्ञान एवं इंजीनियरिंग में स्नातकों जैसे नवाचार के सूचकांक में भारत शीर्ष 15 देशों में शामिल है। डब्ल्यूआइपीओ ने मुंबई और दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी), बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएस) और इसके शीर्ष वैज्ञानिक प्रकाशनों की जमकर सराहना की है।
संगठन ने यह भी कहा है कि इनकी बदौलत ही भारत उच्चतम नवाचार गुणवत्ता के साथ निम्न मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बना है। जीआइआइ की सूची जारी करने से पहले 131 देशों का विभिन्न मानकों पर विश्लेषण किया गया। इन मानकों में संस्थानों के साथ ही साथ बुनियादी ढांचे, बाजार कृत्रिमता और व्यवसाय कृत्रिमता, ज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उत्पादन और रचनात्मक उत्पादन शामिल हैं।
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