इजरायल और फिलिस्तीन के बीच फिर टकराव की स्थिति बन गई है. गाजा पट्टी पर दोनों ओर से ताबड़तोड़ रॉकेट दागे जा रहे है. सोमवार की रात गाजा पट्टी पर इजरायल सेना ने फिलिस्तीनी संगठन हमास पर एक साथ कई ताबतोड़ राकेट दागे. गाजा पट्टी पर हुए इन धमाकों से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच थमी जंग की चिंगारी भड़क उठी है. गाजा पट्टी एक बार फिर दोनों देशों के बीच जंग का मैदान बन गई है.
इजरायल की ये कार्रवाई दरअसल जवाब थी रविवार के हमले की, जिसमें हमास पर ये आरोप लगे कि उसने इजरायल पर गाजा पट्टी से रॉकेट हमला किया था. इजारयल का दावा है कि उसके हमले में हमास के ट्रेनिंग सेंटर और हथियारों को खासा नुकसान हुआ है.
विवाद के पीछे क्या है इनसाइड स्टोरी
दोनों ओर से छिड़े जंग के पीछे इजरायली जेल से भागे फिलिस्तीनी कैदी है. पिछले हफ्ते इजरायल की जेल से 6 फिलिस्तीन कैदी चम्मच से सुरंग कर फरार हो गए थे. कैदियों के भागने की खुशी में गाजा से इजरायल पर आग वाले गुब्बारे फेंके गए थे. हालांकि इनमें से 4 कैदियों को दुबारा पकड़ लिया गया था, लेकिन 2 की तलाश अभी जारी है. माना जा रहा है कि हमास ने इसी का बदला लेने के लिए इजरायल पर तीन रॉकेट दागे और फिर इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ कई रॉकेट दाग दिए.
इससे पहले इसी साल मई में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भी 11 दिन लंबा खूनी संघर्ष चला था. बाद में कई देशों की सलाह पर इजरायल हमले रोकने को सहमत हो गया था. इस संघर्ष में करीब फिलिस्तीन के 227 लोग मारे गए थे. जिसमें 64 बच्चों और 38 महिलाएं शामिल थी. इस हमले में फिलिस्तीन के 1620 लोग घायल हो गए थे. जबकि करीब 58,000 फिलिस्तीनी अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए थे.
13 सितंबर 1993 को हुई ओस्लो संधि
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हवाई हमले कल यानि 13 सितंबर को उसी समय हो रहे थे जब दोनों देश को 1993 की ओस्लो संधि की सालगिरह को मनाना चाहिए था. 1993 में अमेरिका में हुई ओस्लो संधि में दोनों देशों के बीच रिश्तों के बीच को सामान्य करने पर सहमति बनी थी लेकिन ताजा हालातों के बीच ये संधि पूरी तरह असफल हो गई है.
इजारयल और फिलिस्तीन के बीच करीब-करीब हर महीने होने वाले तनाव की वजह से गाजा पट्टी दुनिया की सबसे संवेदनशील जगहों में से एक है. गाजा पट्टी पर ताजा रॉकेट हमले से करीब 4 महीने बाद फिर इजरायल-फिलिस्तीन के बीच युद्ध छिड़ने के आसार नजर आ रहे है.