दुनिया में अजीबोगरीब घटनाएं होती रहती है. उसी में एक और ऐसी ही घटना के बारे में बताने जारहे हैं जिस पर आपको भी यकीन नहीं होगा. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि भगवान को भी अदालत में पेश किया जाता है, उनके अपराध सुने जाते है और अपराध सिद्ध होने पर भगवान को सज़ा सुनाई जाती है जो की मंदिर से निष्कासन से लेकर मृत्युदंड तक कुछ भी हो सकती है. आइये जानते हैं इसके बारे में. 
दरअसल, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के केशकाल नगर में भंगाराम देवी का मंदिर है. यहाँ पर हर साल भादवे के महीने में जात्रा आयोजित किया जाता है. भंगाराम देवी इलाके के नौ परगना के 55 राजस्व ग्रामो में स्थापित सैकड़ों देवी देवताओं की आराध्या देवी है. आपको बता दें, हर साल लगने वाले इस जात्रे में सभी ग्रामवासी अपने अपने ग्राम के देवी देवताओं को लेकर यहाँ पहुंचते है. इस देव अदालत में सभी देवी देवताओं की पेशी की जाती है और जिस देवी देवता के खिलाफ शिकायत होती है उसकी फ़रियाद भंगाराम देवी से की जाती है.
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इसी पर सभी की शिकायत के बाद शाम को भंगाराम देवी अपने फैसले सुनाती है. जानकारी के लिए बता दें, असल में इस पूरी प्रक्रिया में भंगाराम देवी का एक पुजारी बेसुध हो जाता है. लोगो का कहना है कि उसके अंदर स्वयं देवी आ जाती हैं. और फिर देवी उसी के माध्यम से अपने फैसले सुनाती है.
ऐसी मिलती है सजा
सज़ा देवी देवताओं द्वारा किये गए अपराध पर निर्भर करती है जो की 6 महीने के निष्कासन से लेकर अनिश्चितकालीन निष्कासन और यहाँ तक की मृत्यु दंड भी हो सकती है. मृत्युदंड दिए जाने की अवस्था में मूर्ति खंडित कर दी जाती है जबकि निष्कासन की सजा पाये देवी देवताओं की मुर्तिओं को मंदिर के पास ही बानी एक खुली जेल में छोड़ दिया जाता है.
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