शहर की बिजली व्यवस्था कितनी दुस्र्स्त है इसकी पोल बरसात की शुरुआती बूंदाबांदी ने ही खोल कर रख दी। महालक्ष्मी नगर जोन और राऊ इलाके की 50 से ज्यादा कॉलोनियों में पिछले दो-तीन दिनों से बिजली लुका-छिपी का खेल खेल रही है। कहीं कमजोर तारों की वजह से समस्या आ रही है तो कहीं हाइटेंशन लाइन के नीचे तार खींच दिए गए हैं। इससे आपस में तार टकराने से धमाके के साथ फॉल्ट हो रहा है। घंटों लाइट बंद रहने से रहवासी उमस और गर्मी से परेशान हो रहे हैं।
शनिवार की दोपहर और शाम को शहर में हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे अनेक कॉलोनियों में जगह-जगह बिजली के तारों में फॉल्ट हुए। पंचवटी, ड्रीम सिटी, सिंगापुर टाउनशिप, ग्रीन व्यू, ज्ञानशिला, ब्रिटिश पार्क कॉलोनी, सेटेलाइट जंक्शन और राऊ इलाके में बिजली के तारों में अलग-अलग समय पर जोरदार धमाके होते रहे।
बच्चों की जान बची, रोड पर गिरी आग
तलावली चांदा स्थित ग्रीन व्यू टाउनशिप (सिंगापुर टाउनशिप) में जगह-जगह तारों में फॉल्ट हुए। रहवासी मोहन कुमार राय ने बताया कि घर के पास स्थित बिजली पोल से जुड़े तारों में जोरदार धमाका हुआ। आग जमीन पर गिरी। खुशकिस्मती से वहां खेल रहे बच्चे कुछ ही देर पहले चले गए थे इस कारण कोई जनहानि नहीं हुई। बिजली विभाग तारों को ठीक करने की कवायद करता रहा।
सेटेलाइट जंक्शन के तारों के कारण 25 कॉलोनियां होती हैं प्रभावित
शनिवार रात को भी सेटेलाइट जंक्शन में बिछे बिजली के तारों में धमाका होने से महालक्ष्मी नगर जोन में आने वाली अंशल, बिस्तारा, निपानिया गांव, ढाबली गांव, हरेकृष्णा, महालक्ष्मी नगर, कासाग्रीन, सिंगापुर टाउनशिप, ड्रीम सिटी, पंचवटी, ज्ञानशिला, ब्रिटिश पार्क, सिंगापुर फेस-टू, इंडस सेटेलाइट सहित 25 कॉलोनियां प्रभावित हुईं। इनमें से कई में 11केवी के तार लगे हैं, जिससे बिजली के तार लोड नहीं ले पाते और बरसात के दिनों में उसमें फाल्ट होते हैं।
रविवार सुबह बिना सूचना के लाइट तीन घंटे गुल रही। रोजमर्रा के कार्यों पर प्रभाव पड़ा। रहवासी प्रियंका जैन का कहना है कि बिजली नहीं होने से उनके घर पानी तक नहीं पहुंच पाया। बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि सेटेलाइट जंक्शन के तारों को ठीक करने के लिए बिजली बंद करने का परमिट लिया गया था।
ब्रिटिश पार्क में 33केवी के नीचे बिछी 11केवी की लाइन
विद्युत कंपनी को शनिवार व रविवार को ब्रिटिश पार्क में भी फॉल्ट की सूचना मिली। जब टेक्नीशियन ने जाकर देखा तो पता चला कि 33 केवी के तारों के नीचे 11 केवी के तार खींच दिए गए हैं, जो तकनीकी रूप से सही नहीं है। फिलहाल यहां बिजली मेंटनेंस का कामकाज कॉलोनाइजर के हाथों में है। उसे ठीक करने की जिम्मेदारी कॉलोनाइजर की ही होती है। लेकिन यहां बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सुधार किया।
कॉलोनाइजरों पर शासन की सख्ती, अब जनता को नहीं ठग पाएंगे
पूर्व में कॉलोनाइजर 11केवी के तार लगा देते थे। उसके बाद भी उन्हें कॉलोनी काटने की परमिशन मिल जाती थी। अब नियम बदल चुके हैं। कॉलोनी की अनुमति तभी मिल पाएगी जब उसमें 33 केवी के तार लगाए जाएंगे, ताकि तारों में फॉल्ट न हो। यह नियम बिजली के बढ़ते लोड को देखते हुए किया गया है।
इनका कहना है
टाउनशिप की बिजली का मेंटनेंस पांच सालों तक कॉलोनाइजर के हाथ में होता है। उसके बाद भी यदि हमें किसी कॉलोनी या टाउनशिप से शिकायत आती है तो कर्मचारी मौके पर पहुंचकर उसका समाधान करते हैं। पूर्व में काटी गई कॉलोनियों में कॉलोनाइजरों ने बिजली के तारों से समझौता किया है। कम पावर के तारों में फॉल्ट की समस्या आती है। निरंजनपुर स्थित गोल्डन पॉम टाउनशिप में तारों में समस्या आती थी। पिछली बारिश में हमने पोल के ऊपर पिन इंसुलेटर लगवाए। इसमें एवी स्विस भी लगाकर दिए। दो साल होने को आए लेकिन अभी तक कोई समस्या नहीं आई है। सेटेलाइट जंक्शन में टेंपरेरी लाइट थी। अब इसे परमानेंट कराया जा रहा है। वहां भी तारों में काफी समस्या आती है। इसीलिए रविवार को परमिट लेकर लाइट बंद की। वहां तार खींचने का निर्णय त्वरित लिया गया जिससे लाइट बंद करने की सूचना पूर्व से नहीं दे पाए।