प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और चीन को नसीहत देते हुए अपने रवैये में बदलाव लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान और चीन बिगड़े हुए रिश्तों को संभालना चाहते हैं तो उन्हें मौका मिलेगा। लेकिन इसके लिए उन्हें काफी बदलाव करने पड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि सिर्फ अपने बारे में सोचना न तो हमारे स्वभाव में है और न ही संस्कृति में। साथ ही पडोसी देशों में झगड़े बने रहना आम बात है। इसके लिए पाकिस्तान को आतंक का रास्ता छोड़ना होगा। चीन की ओर रुख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों को संवेदनशीलता और मूल चिंताओं के प्रति सम्मान दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा।
पाकिस्तान और चीन
मोदी ने बातचीत में चीन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दो बड़े पड़ोसियों के बीच मतभेद होना आम बात नहीं हो सकती। उन्होंने आगे कहा कि रिश्ते बनाए रखने के लिए दोनों देशों को संवेदनशीलता और मूल चिंताओं के प्रति सम्मान दिखाना होगा।
इससे पहले डायलॉग को लेकर वह बोले की उन्हें काफी खुशी है। इस संबोधन में मोदी ने 2014 के चुनावों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2014 में देश के लोगों ने उन्हें बहुमत देकर बदलाव की तरफ कदम बढ़ाया था।