उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण के संबंध में लंदन की अदालत में आज से शुरू होने जा रही सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिकारियों का दल वहां मौजूद रहेगा. बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज न चुकाने के मामले में माल्या के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. माल्या इस सुनवाई के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रैट कोर्ट में उपस्थित रहेंगे.
लंदन की अदालत में CBI की टीम रहेगी मौजूद
61 वर्षीय माल्या को वापस लाने के लिए भारत के मामले का प्रतिनिधित्व ब्रिटेन सरकार की क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के माध्यम से किया जाएगा. सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की अगुवाई में एक दल रविवार को लंदन रवाना हो गया और वह वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में शुरू होने जा रही सुनवाई के दौरान उपस्थित रहेगा.
बचाव में माल्या का बेतुका तर्क
मार्च 2016 में ब्रिटेन जा चुके माल्या विभिन्न भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले कर उसे न चुकाने के मामले में भारत में वांछित हैं. पिछले कुछ महीने में विभिन्न अदालतों में पेशी के दौरान राज्यसभा के पूर्व सदस्य माल्या ने बताया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन पर लगाए गए आरोप वास्तव में गढ़े हुए हैं.
माल्या पर 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज
दरअसल भारत में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे माल्या इस समय ब्रिटेन में जमानत में हैं. वह मार्च 2016 में भारत से भागकर यहां ब्रिटेन आ गए, उनकी फिलहाल बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस पर विभिन्न बैंकों को 9000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.
14 दिसंबर तक चलेगी सुनवाई
आज से शुरू होने जा रही सुनवाई में जिरह चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा लुई अर्बटनॉट सुनेंगे. वहीं माल्या की बचाव टीम की अगुवाई बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी कर रही हैं जिन्हें आपराधिक व धोखाधड़ी के मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. मामले की सुनवाई 14 दिसंबर तक चलेगी जिसमें 6 और 8 दिसंबर को अवकाश रहेगा.