महाराष्ट्र और हरियाणा में इस साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा आज शाम चार बजे हो सकती है। चुनाव आयोग के सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों राज्यों में चुनाव तारीखों की ऐलान आज हो सकता है।

शुक्रवार को तारीखों की घोषणा की जा सकती है, ऐसे में सूत्रों के मुताबिक चुनावों की संभावना सबसे अधिक अक्टूबर में होगी। साल 2014 में, चुनाव आयोग ने 12 सितंबर को दो राज्य विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की थी। इन दोनों राज्यों में साल 2014 में मतदान 15 अक्टूबर को हुआ था और 19 अक्टूबर को नतीजे आए थे।
चुनाव आयोग तारीखों की घोषणा करते ही दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। आदर्श आचार संहिता का अर्थ है कि वर्तमान सरकार कोई नई घोषणा नहीं कर सकती है, ना ही नई योजनाओं को लागू कर सकती है या मतदाताओं को किसी भी तरह से अपने अधिकार का उपयोग करके प्रभावित नहीं कर सकती है।
चुनावों के लिए 110 व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के दौरान खर्चे पर नजर रखने के लिए आयकर विभाग के 110 आइआरएस अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
पर्यवेक्षकों को दोनों राज्यों में चुनाव प्रक्रिया के दौरान कालाधन के इस्तेमाल और अन्य गैरकानूनी लालच के इस्तेमाल की जांच करने का काम दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने यहां 23 सितंबर को इन अधिकारियों को बुलाया है जहां उन्हें इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।
चुनाव आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से इन अधिकारियों को उनके प्रभार से मुक्त करने के लिए कहा है ताकि उन्हें चुनाव कार्यो में लगाया जा सके। सीबीडीटी कर विभाग के लिए नीति निर्माता संस्था है। भारतीय राजस्व सेवा (आइआरएस) के इन अधिकारियों को दोनों राज्यों के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
कैसा रहा पिछला विधानसभा चुनाव ?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2014
2014 कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था। केंद्र में सत्ता खोने के महीनों बाद, पार्टी ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार खो दी। भाजपा ने 288 सीट वाली विधानसभा में 122 सीटों पर जीत के साथ राज्य में एक बड़ी बढ़त दर्ज की। भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014
2014 में महाराष्ट्र की तरह हरियाणा विधानसभा चुनाव भी एक स्टनर थे। मोदी-लहर पर सवार होकर, भाजपा दिल्ली के पड़ोसी राज्य में चार से 47 सीटों तक पहुंचने में सफल रही। कांग्रेस केवल 15 सीटों पर सिमट गई, जबकि ओम प्रकाश चौटाला की इनेलो केवल 19 सीटों पर ही कामयाब रही।
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