हर साल की साल तरह इस साल भी 1 दिसंबर को यानी आज वर्ल्ड एड्स डे मनाया जा रहा है. एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशियेन्सी सिन्ड्रोम (एड्स) की रोकथाम के लिए भारत समेत पूरी दुनिया में प्रयास किए जा रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ सालों में एड्स से होने वाली मौतों में कमी आई है. भारत में इस गंभीर बीमारी को रोकने के लिए तमाम तरीके अपनाए गए और लोगों को विज्ञापन के जरिए एड्स के प्रति जागरुक किया गया. यही कारण है कि इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई है.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इस बार वर्ल्ड ऐड्स डे के लिए स्पेशल थीम रखी है, जिसका नाम ‘कम्युनिटी मेक द डिफरेंस’ रखा गया है. इस खतरनाक बीमारी की रोकथाम के लिए दुनिया में कई बड़े वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हुए हैं. एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि एक इंफ्यूजन नाम की तकनीक एड्स को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है.
भारत में लोग समाज के डर से इस बीमारी के बारे में बात नहीं करते और इसे छुपाते हैं जिसका उन्हें बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है. समाज भी एचआईवी से पीड़ित लोगों ठीक व्यवहार नहीं करता जिससे वह अपने इस गंभीर रोग को बताने में झिझकते हैं और इसका समाधान नहीं हो पाता.
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