भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि इस बार 30 जनवरी 2022 दिन रविवार को है। जी हाँ और कहा जाता है इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने के बाद रात्रि में मासिक शिवरात्रि की पूजा होगी। वहीं दूसरी तरफ ज्योतिषों के अनुसार इस दिन आधी रात को सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की पूजा होगी और सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव जी के दो व्रतों का संयोग भक्तों को कई गुना अधिक पुण्य फल प्रदान करेगा। तो आइए हम आपको बताते हैं दोनों व्रतों की पूजा विधि।
रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि- इस व्रत के लिए शिव मन्दिरों में शाम के समय प्रदोष काल में शिव मंत्र का जाप करें। इसी के साथ ध्यान रहे रवि प्रदोष के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें। स्नान के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। उसके बाद गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें। अब इसके बाद ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं।
मासिक शिवरात्रि पूजा और व्रत विधि- मासिक शिवरात्रि पर शुभ मुहूर्त में शिव जी का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें। ध्यान रहे शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ़ किये होने चाहिए। कहा जाता है भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करना शुभ होता है। इसी के साथ आप शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें। वहीं अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलना शुभ होता है।