सेक्स की इच्छा या यौन इच्छा एक प्राकृतिक इच्छा है. हर स्त्री पुरुष या लड़के और लड़की में सेक्स को लेकर ये आकर्षण रहता है. लेकिन हमारे समाज में सेक्स को लेकर कई तरह के अंधविश्वास हैं जो सेक्स को एक बुरी चीज बनाते हैं.
सेक्स के बारे नॉलेज रखिए और पूछिए: यौनकर्म यानी कि सेक्स को लेकर जानकारी का अभाव कई तरह की परेशानियों को खड़ा करता है. इसलिए किसी भी बात को लेकर संकोच ना रखें. ग़लत लोगों से रास्ता ना पूछें. सही डॉक्टर की सलाह लें.
उलझाएं ना सेक्स को बिल्कुल ना जोड़ें धर्म और संस्कृति से : सेक्स एक नैसर्गिक प्रक्रिया है. यदि आप सेक्स को लेकर किसी भी समस्रूा से जूझ रहे हैं तो उसे आस्था-माया-कृपा-अनुकम्पा-मेहर-ग्रेस जैसे शब्दों से मत जोड़िए और ना ही अपनी समस्या की बागडोर इन शब्दों को सौंपें. उसका हल निकालिए. यदि आप ऐसा करते हैं तो तब आपके लिए यौनकर्म घृणित वासना जैसा होगा. ऐसा बिल्कुल ना करें. लाइफ के इस ब्यूटीफुल पार्ट को इंजॉय कीजिए.
सेक्स जोड़ता है तोड़ता नहीं: यौन कर्म, स्त्री-पुरुष, दोनों के मन-देह-समाज को मिलाता है. यानी की सेक्स जोड़ता है तोड़ता नहीं. सेक्स को बुराई मत बनाइए यदि आप ऐसा करत हैं तो ये आपमें एेसी मानसिक बीमारी के रूप में प्रवेश करेग, जिसमें से आप कभी नहीं निकल पाएंगे. सेक्स जोड़ता है तोड़ता नहीं: यानी की सेक्स जोड़ता है तोड़ता नहीं. सेक्स को बुराई मत बनाइए यदि आप ऐसा करत हैं तो ये आपमें एेसी मानसिक बीमारी के रूप में प्रवेश करेग, जिसमें से आप कभी नहीं निकल पाएंगे.
सेक्स जोड़ता है तोड़ता नहीं: शोधकर्ताओं यौन कर्म, स्त्री-पुरुष, दोनों के मन-देह-समाज को मिलाता है. यानी की सेक्स जोड़ता है तोड़ता नहीं. सेक्स को बुराई मत बनाइए यदि आप ऐसा करत हैं तो ये आपमें ऐसी मानसिक बीमारी के रूप में प्रवेश करेग, जिसमें से आप कभी नहीं निकल पाएंगे.
सेक्स की भावना समान रूप से होती है, इसे कैरेक्टर से ना जोड़ें: सेक्स की भावना स्त्री और पुरुष में दोनों रूप से समान है. किसी में कम और ज्यादा हो भी तो इसे कैरेक्टर का सर्टिफिकेट मत बनाइए. ध्यान रखें यौनेच्छा को लिबिडो जिसे सेक्शुअल डिज़ायर भी कहा जाता है. हर स्वस्थ स्त्री-पुरुष में मौजूद है. जिसमें सेक्स की इच्छा नहीं समझो वहां कुछ गड़बड़ है. सेक्स की भावना समान रूप से होती है, इसे
कैरेक्टर से ना जोड़ें: सेक्स की भावना स्त्री और पुरुष में दोनों रूप से समान है. किसी में कम और ज्यादा हो भी तो इसे कैरेक्टर का सर्टिफिकेट मत बनाइए. ध्यान रखें यौनेच्छा को लिबिडो जिसे सेक्शुअल डिज़ायर भी कहा जाता है. हर स्वस्थ स्त्री-पुरुष में मौजूद है. जिसमें सेक्स की इच्छा नहीं समझो वहां कुछ गड़बड़ है.