लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मशहूर दशहरी आम की मिठास तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक जल्द पहुंचेगी. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों की माने तो इसकी संभावनाएं तलाशने के लिए वैज्ञानिकों और लखनऊ के आम व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के दौरे पर है. यह प्रतिनिधिमंडल वहां के व्यापारियों को दशहरी आम की खूबी बताकर उन्हें खरीदने के लिए तैयार करेगा. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ एस राजन बताते हैं कि दशहरे का स्वाद और मिठास हैदराबाद के लोगों को पहले ही लग चुका है. कुछ सालों पहले संस्थान की तरफ से वहां पौधे भी लगवाए गए थे. वहां के सीजन के अनुसार दो महीने पहले ही दशहरी हो जाता है लेकिन उसकी मात्रा कम होती है. उन्होंने बताया कि उस आम की क्वालिटी भी लखनऊ जैसी नहीं होती है. ऐसे में संस्थान और स्थानीय आम उत्पादक व्यापारी समिति ने मिलकर यह तय किया कि वहां लखनवी दशहरी की खपत की संभावनाएं तलाशी जाएं. लखनऊ का दशहरी जब तब बाजार में उपलब्ध होता है तब तक आंध्र में होने वाला दशहरी खत्म हो जाता है. ऐसे में लोगों के बीच लखनवी दशहरी की पहुंच आसानी से बनाई जा सकती है. बकौल राजन, "तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के व्यापारियों ने फोन करके लखनऊ के दशहरी की डिमांड बताई थी. इसे देखते हुए हमने अपने वैज्ञानिकों और आम उत्पादकों का एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजा. व्यापारियों की इच्छा और डिमांड के आधार पर आम उत्पादक समिति वहां आम की आपूर्ति करेगी." उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही संस्थान के वैज्ञानिक बिना कार्बाइड के पकने वाले आमों के नमूने भी लेकर वहां जाएंगे. बिना कार्बाइड के आम की ब्रांडिंग भी तेलगांना और आंध्र प्रदेश में की जाएगी. उम्मीद है कि वहां से अच्छी खासी डिमांड आ सकती है. राजन ने बताया कि इससे दो फायदे होंगे. एक तो लखनवी दशहरी की मिठास हैदाराबाद ओर तेलंगाना में बैठे लोग आसानी से ले सकेंगे और दूसरी यहां के आम उत्पादकों को अपने उत्पादन के लिए एक नया बाजार मिल जाएगा जिसे उन्हें अच्छे दाम भी मिल सकेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी लखनवी दशहरी को लोकप्रिय बनाने की दिशा में संस्थान लगातार प्रयास कर रहा है.

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना भी खाएंगे यूपी के मशहूर लखनवी दशहरी आम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मशहूर दशहरी आम की मिठास तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक जल्द पहुंचेगी. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों की माने तो इसकी संभावनाएं तलाशने के लिए वैज्ञानिकों और लखनऊ के आम व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के दौरे पर हैलखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मशहूर दशहरी आम की मिठास तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक जल्द पहुंचेगी. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों की माने तो इसकी संभावनाएं तलाशने के लिए वैज्ञानिकों और लखनऊ के आम व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के दौरे पर है.  यह प्रतिनिधिमंडल वहां के व्यापारियों को दशहरी आम की खूबी बताकर उन्हें खरीदने के लिए तैयार करेगा.  केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ एस राजन बताते हैं कि दशहरे का स्वाद और मिठास हैदराबाद के लोगों को पहले ही लग चुका है. कुछ सालों पहले संस्थान की तरफ से वहां पौधे भी लगवाए गए थे. वहां के सीजन के अनुसार दो महीने पहले ही दशहरी हो जाता है लेकिन उसकी मात्रा कम होती है.  उन्होंने बताया कि उस आम की क्वालिटी भी लखनऊ जैसी नहीं होती है. ऐसे में संस्थान और स्थानीय आम उत्पादक व्यापारी समिति ने मिलकर यह तय किया कि वहां लखनवी दशहरी की खपत की संभावनाएं तलाशी जाएं.  लखनऊ का दशहरी जब तब बाजार में उपलब्ध होता है तब तक आंध्र में होने वाला दशहरी खत्म हो जाता है. ऐसे में लोगों के बीच लखनवी दशहरी की पहुंच आसानी से बनाई जा सकती है.  बकौल राजन, "तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के व्यापारियों ने फोन करके लखनऊ के दशहरी की डिमांड बताई थी. इसे देखते हुए हमने अपने वैज्ञानिकों और आम उत्पादकों का एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजा. व्यापारियों की इच्छा और डिमांड के आधार पर आम उत्पादक समिति वहां आम की आपूर्ति करेगी."  उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही संस्थान के वैज्ञानिक बिना कार्बाइड के पकने वाले आमों के नमूने भी लेकर वहां जाएंगे. बिना कार्बाइड के आम की ब्रांडिंग भी तेलगांना और आंध्र प्रदेश में की जाएगी. उम्मीद है कि वहां से अच्छी खासी डिमांड आ सकती है.  राजन ने बताया कि इससे दो फायदे होंगे. एक तो लखनवी दशहरी की मिठास हैदाराबाद ओर तेलंगाना में बैठे लोग आसानी से ले सकेंगे और दूसरी यहां के आम उत्पादकों को अपने उत्पादन के लिए एक नया बाजार मिल जाएगा जिसे उन्हें अच्छे दाम भी मिल सकेंगे.  उन्होंने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी लखनवी दशहरी को लोकप्रिय बनाने की दिशा में संस्थान लगातार प्रयास कर रहा है.

यह प्रतिनिधिमंडल वहां के व्यापारियों को दशहरी आम की खूबी बताकर उन्हें खरीदने के लिए तैयार करेगा.

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ एस राजन बताते हैं कि दशहरे का स्वाद और मिठास हैदराबाद के लोगों को पहले ही लग चुका है. कुछ सालों पहले संस्थान की तरफ से वहां पौधे भी लगवाए गए थे. वहां के सीजन के अनुसार दो महीने पहले ही दशहरी हो जाता है लेकिन उसकी मात्रा कम होती है.

उन्होंने बताया कि उस आम की क्वालिटी भी लखनऊ जैसी नहीं होती है. ऐसे में संस्थान और स्थानीय आम उत्पादक व्यापारी समिति ने मिलकर यह तय किया कि वहां लखनवी दशहरी की खपत की संभावनाएं तलाशी जाएं.

लखनऊ का दशहरी जब तब बाजार में उपलब्ध होता है तब तक आंध्र में होने वाला दशहरी खत्म हो जाता है. ऐसे में लोगों के बीच लखनवी दशहरी की पहुंच आसानी से बनाई जा सकती है.

बकौल राजन, “तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के व्यापारियों ने फोन करके लखनऊ के दशहरी की डिमांड बताई थी. इसे देखते हुए हमने अपने वैज्ञानिकों और आम उत्पादकों का एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजा. व्यापारियों की इच्छा और डिमांड के आधार पर आम उत्पादक समिति वहां आम की आपूर्ति करेगी.”

उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही संस्थान के वैज्ञानिक बिना कार्बाइड के पकने वाले आमों के नमूने भी लेकर वहां जाएंगे. बिना कार्बाइड के आम की ब्रांडिंग भी तेलगांना और आंध्र प्रदेश में की जाएगी. उम्मीद है कि वहां से अच्छी खासी डिमांड आ सकती है.

राजन ने बताया कि इससे दो फायदे होंगे. एक तो लखनवी दशहरी की मिठास हैदाराबाद ओर तेलंगाना में बैठे लोग आसानी से ले सकेंगे और दूसरी यहां के आम उत्पादकों को अपने उत्पादन के लिए एक नया बाजार मिल जाएगा जिसे उन्हें अच्छे दाम भी मिल सकेंगे.

उन्होंने यह भी बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी लखनवी दशहरी को लोकप्रिय बनाने की दिशा में संस्थान लगातार प्रयास कर रहा है.

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