केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से पूर्वोत्तर के दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को शांत करने लिए रविवार को फोन पर बात की. जोरामथंगा ने कहा कि फोन कॉल के दौरान फैसला किया गया कि सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण तरीके से सार्थक संवाद के जरिये समाधान किया जाए.
सीएम ने ट्वीट किया, ‘‘ फोन पर केंद्रीय गृहमंत्री और असम के मुख्यमंत्री से हुई बात के मुताबिक, हम मिजोरम-असम सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण माहौल में सार्थक वार्ता के जरिये सुलझाने पर सहमत हुए हैं.’’ जोरामथंगा ने मिजोरम के लोगों से भी भड़काऊ संदेश पोस्ट करने और सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने से बचने की अपील की ताकि मौजूदा तनाव को कम किया जा सके. उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, किसी संभावित तनाव से बचने के लिए मैं मिजोरम के लोगों से अपील करता हूं कि वे किसी संवेदनशील पोस्ट को जारी करने से बचें और सोशल मीडिया का बुद्धिमत्ता से इस्तेमाल करें.’’
गौरतलब है कि 26 जुलाई को मिजोरम के कोलासिब जिले के वायरेंग्टे कस्बे में हुई हिंसक झड़प में असम के छह पुलिसकर्मियों सहित कम से कम सात लोगों के मारे जाने के बाद से तनाव है. केंद्र सरकार ने केंद्रीय अर्धसैनिक बल की पांच कंपनियां इलाके में तैनात की हैं.
अभी क्या है स्थिति?
असम-मिजोरम सीमा पर रविवार को भी तनाव व्याप्त रहा. आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले ट्रकों सहित अन्य वाहनों के आवागमन पर वहां प्रतिबंध रविवार छठे दिन भी जारी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र लैलापुर के अंदर और इसके आसपास और अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति शांत है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बड़ी संख्या में जवान राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर गश्त कर रहे हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के राजनीतिक सचिव जयंत एम बरूआ के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल असम पुलिस के एक दिवंगत कर्मी के घर गया और सोमवार को स्थिति से निपटने में बल के साहस की सराहना की. असम की बराक घाटी में अधिकारियों ने कहा कि वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा में कोई रोक नहीं है. कोविड-19 प्रबंधन से जुड़ी सामग्री सहित आवश्यक आपूर्ति के साथ दर्जनों ट्रक कछार जिले में काबुगंज-ढोलाई के बीच खड़े हैं.