नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यही सेक्टर अर्थव्यवस्था में मजबूती के मौजूदा दौर की अगुआई करेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यह बात कही। वित्त मंत्री यहां सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों (एमएसई) के लिए पहले सेंटीमेंट इंडेक्स क्रिसिडेक्स की लांचिंग के मौके पर बोल रहे थे।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है, बीते दो साल में बड़े ढांचागत सुधारों से गुजरने के बाद अब यह भी सुदृढ़ीकरण के चरण में है। इस चरण की अगुआई भी एमएसएमई क्षेत्र करेगा। यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कई कदमों की मदद से औपचारिक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।’
जेटली ने कहा कि यह ऐसा क्षेत्र है जहां लोग अपने उद्यमिता कौशल का ही प्रदर्शन नहीं करते बल्कि इस प्रक्रिया में रोजगार प्रदाता भी बन जाते हैं। इस सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार है। मैन्यूफैक्चरिंग और ट्रेडिंग से जुड़ी ढेरों नौकरियों का सृजन इसी सेक्टर में होता है। उन्होंने कहा कि बड़ी जनसंख्या वाले देश में सरकारी नौकरी या बड़े उद्योगों में रोजगार के अवसर सीमित होते हैं। एमएसएमई सेक्टर इस मामले में सबसे बड़ा मददगार होता है।
क्रिसिडेक्स को रेटिंग एजेंसी क्रिसिल और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने मिलकर तैयार किया है। यह एमएसई में कारोबार सेंटीमेंट के आठ मानकों के आधार पर काम करेगा। इसमें शून्य (बेहद नकारात्मक) से लेकर 200 (अत्यधिक सकारात्मक) के बीच के अंक रहेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि यह इंडेक्स कंपनियों के साथ-साथ नीति निर्माताओं के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। इससे आंकड़ों के साथ धारणा का भी पता चलेगा।
जेटली ने कहा, ‘इससे सेक्टर की चुनौतियों और मजबूती की जानकारी मिलेगी। इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि इस क्षेत्र में कारोबारियों की उम्मीदों को बढ़ाने वाले कौन से कारक हैं। कौन से बिंदु परेशान करने वाले हैं।’ वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने इस इंडेक्स की लांचिंग को सही समय पर उठाया गया कदम बताया।