श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राममंदिर निर्माण शुरू होने के बाद पहली बार हो रहे दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए शासन-प्रशासन पूरी शिद्दत से जुटा है। इस बार रामनगरी में रिकॉर्ड दीप जलेंगे। मठ-मंदिर से लेकर घर-घर को रोशन करने की तैयारी है। वहीं सांस्कृतिक आयोजनों में भी भारत के समृद्ध लोक संस्कृति की झलक दिखेगी। दीपोत्सव में विभिन्न राज्यों के करीब 600 लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन दिखाएंगे। इस बार दीपोत्सव 11 से 13 नवंबर तक होगा। मध्यप्रदेश का आल्हा, ऐशबाग की रामलीला आकर्षण का केंद्र होगी।
दीपोत्सव न सिर्फ भव्यता का पर्याय होगा बल्कि इसे इतिहास के पन्नों में भी दर्ज कराने की तैयारी है। दीपोत्सव में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, बिहार आदि राज्यों के करीब 600 कलाकार लोक संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। मध्यप्रदेश के करीब एक दर्जन कलाकार दीपोत्सव में आल्हा गायन करेंगे। वहीं केरल का कठपुतली शो भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भव्यता प्रदान करेगा। भजन संध्या में प्रख्यात लोकगायिका वंदना तिवारी के कार्यक्रम होंगे।
कोरोना के चलते इस बार विदेशी कलाकार दीपोत्सव में शिरकत नहीं कर पा रहे हैं इसलिए विदेशी कलाकारों से सजी रामलीला का मंचन नहीं हो सकेगा। दीपोत्सव में दिल्ली, लखनऊ व छत्तीसगढ़ के कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जाएगा। जिसमें नई दिल्ली के रामलीला कलाकारों द्वारा राम राज्याभिषेक की लीला का मंचन किया जाएगा। लखनऊ के ऐशबाग की रामलीला के कलाकार भी इस बार प्रस्तुति देंगे।
मिशन शक्ति अभियान के जरिए भी दीपोत्सव में संदेश देने का काम किया जाएगा। मिशन शक्ति अभियान के तहत दीपोत्सव में छत्तीसगढ़ की बालिकाओं द्वारा शबरी प्रसंग का मंचन होगा। अयोध्या शोध संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीरथ ने बताया कि छत्तीसगढ़ की करीब 25 बालिकाओं द्वारा शबरी प्रसंग का मंचन होगा। साकेत महाविद्यालय से रामकथा पार्क तक रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियां निकाली जाएंगी।
पर्यटन राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि इस साल अयोध्या में दीपोत्सव पर 5 लाख 51 हजार दीये जलाकर एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने पर्यटन निदेशालय के सभाकक्ष में दीपोत्सव-2020 के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। बताया कि दीपोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग, अयोध्या के जिला प्रशासन और डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 12 से 16 नवंबर तक किया जाएगा।