कोरोना महामारी से इस समय लगभग पूरी दुनिया जूझ रही है। अमेरिका में सबसे बदतर हालात हैं। रूस और जर्मनी जैसे देशों में भी स्थिति अच्छी नहीं है।
भारत में भी कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा एक लाख के स्तर पर पहुंच रहा है। संकट की इस घड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
लेकिन इस विकट घड़ी में भी देश ने प्रधानमंत्री मोदी में विश्वास जताया है। वह जिस तरह इस महामारी से जंग में देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उससे उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।
हालिया सर्वे में वह इस घातक महामारी से निपटने के तरीके को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी ज्यादा लोकप्रिय पाए गए हैं।
अमेरिकी फर्म मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे के अनुसार, पिछले कुछ माह में मोदी की हाई एप्रूवल रेटिंग 80 फीसद से बढ़कर 90 फीसद के स्तर पर पहुंच गई है।
उन्होंने लोकप्रियता के मामले में दूसरे नेताओं ट्रंप और पुतिन को भी पीछे छोड़ दिया है। मोदी की आमतौर पर इन दोनों नेताओं से तुलना की जाती है।
कई विश्लेषकों का मानना है कि भारत अगर कोरोना महामारी से निकलने में सफल रहा तो वह और उनकी पार्टी (भाजपा) पहले से भी ज्यादा मजबूत हो सकती है।
कई आर्थिक विश्लेषकों ने सरकार की ओर से जारी किए गए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की सराहना की है। हालांकि पैदल ही घरों की ओर लौट रहे मजदूरों की दशा को लेकर मोदी सरकार को विपक्ष की आलोचना का सामना भी करना पड़ रहा है। इन सबके बावजूद वह मजबूती से डटे हुए हैं।