दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में लगभग तीन माह पहले भेल कंपनी के एक बड़े अधिकारी का कत्ल हुआ था. उनकी लाश सेक्टर 39 थाना इलाके में एक नाले के पास बरामद हुई थी. मगर लगभग तीन माह बीत जाने के बावजूद इस मामले में पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं. पुलिस को अब तक पता नहीं चला कि आखिर कातिल कौन है? और कत्ल का मकसद क्या था.
दो महीने से पुलिस ने सर्विलांस के ज़रिए तफ्तीश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. पुलिस का दावा है कि अब तक की जांच में लूट के मकसद से कत्ल किए जाने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं. सुनियोजित हत्या करने के एंगल को भी पुलिस ने जांच में नकार दिया है. साइबर टीम को भी इस केस की तफ्सीली जांच में कुछ खास नहीं मिला, लेकिन मृतक के फेसबुक प्रोफाइल से उसकी एक महिला मित्र के बारे में पता चला है.
अब पुलिस के शक की सुई उसी महिला मित्र पर जा टिकी है. पुलिस आगे की जांच कर रही है. उधर, इस मामले में मृतक डीजीएम के बहनोई प्रभात द्विवेदी को शक है कि कत्ल में भेल के किसी अधिकारी, कर्मचारी का हाथ हो सकता है. उन्हें ऐसा लगता है कि वारदात के वक्त वो किसी से बैठकर बात कर रहे होंगे. प्रभात का कहना है कि नोएडा पुलिस की लचर जांच की वजह से उन्होंने पीएम और सीएम को भी पत्र लिखा है. हालांकि वहां से कोई जवाब नहीं आया है.
नोएडा के एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह का कहना है कि अभी तक की जांच में सुनियोजित हत्या करने के सुबूत नहीं मिले हैं. जांच में तेज़ी लाने के लिए साइबर टीम की मदद ली जा रही है. मृतक के परिवार वालों के आरोप पर उनका कहना है कि अगर परिवार कोई सबूत देता दे तो वो ज़रूर विचार करेंगे.गौरतलब है कि बीती 8 मार्च 2018 को भेल के डीजीएम अमित पांडेय की हत्या कर दी गई थी. उनका शव 9 मार्च को सेक्टर-105 में हाजीपुर अंडरपास के करीब एक नाले से बरामद किया गया था. कातिल ने डीजीएम को पीछे से गोली मारी थी.
पुलिस को ये भी शक है कि कत्ल कहीं और हुआ हो कातिल ने लाश को हाजीपुर अंडरपास के नाले में डंप कर दिया होगा. हालांकि इस मामले में पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं.