उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है. शनिवार को सीएम योगी के काफिले के सामने एक युवक अचानक कूद गया. इस युवक की पहचान सोनभद्र के ओबरा निवासी 30 वर्षीय श्याम मिश्रा के रूप में हुई है. उसने सोनभद्र से सदर विधायक और बीजेपी के जिलाध्यक्ष पर अवैध खनन का आरोप लगाया है. फिलहाल पुलिस युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
शनिवार सुबह सीएम योगी लोकभवन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहे थे, तभी श्याम मिश्रा ने उनके काफिले के सामने छलांग लगा दी. लोकभवन के गेट पर सोनभद्र के ओबरा निवासी श्याम मिश्रा ने योगी के काफिले के आगे कूदने की कोशिश की. इस पर श्याम मिश्रा को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया और हजरतगंज पुलिस को सौंप दिया. सीएम योगी की गाड़ी के पीछे राज्यपाल राम नाईक, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के काफिले थे.
श्याम मिश्रा ने सोनभद्र के बीजेपी जिला अध्यक्ष अशोक कुमार मिश्रा और सदर विधायक भूपेश चौबे पर बालू व गिट्टी खनन का आरोप लगाया है. उसने बताया कि वह लखनऊ के लक्ष्मण मेला ग्राउंड में कई बार बीजेपी जिलाध्यक्ष और बीजेपी विधायक पर कार्रवाई की मांग को लेकर अनशन भी कर चुका है. वह अवैध खनन का भी लगातार विरोध कर रहा है. श्याम मिश्रा ने बताया, “छह महीने से अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन कोई मेरी सुनने वाला नहीं है. इससे आहत होकर मैंने मुख्यमंत्री योगी की लीट के सामने छलांग लगाई.”
उसने बीजेपी के जिला अध्यक्ष अशोक मिश्रा और राबर्ट्सगंज के विधायक भूपेश दुबे पर अवैध खनन का आरोप लगाया है. उसने कहा कि 2200 की परमिट 14,000 में बेची जा रही है और अवैध खनन के चलते वहां की जनता अपना आशियाना नहीं बना पा रही है. उसने बताया कि हर बार आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है. शनिवार सुबह चौकी इंचार्ज गौतम पल्ली के साथ मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी से मुलाकात करने गया था. वहां मुलाकात न होने पर लोकभवन के गेट पर पहुंचा. मुख्यमंत्री के आगमन की जानकारी पर मीडिया कर्मियों के बीच खड़ा हो गया और जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला वहां पहुंचा, तो मैंने उसमें कूदने का प्रयास किया.”
मालूम हो कि योगी सरकार बनने के बाद सोनभद्र में अवैध खनन को रोकने के लिए तमाम प्रयास किए गए, लेकिन आरोप है कि वहां के स्थानीय बीजेपी नेताओं की दखलअंदाजी की वजह से अवैध खनन का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है. इससे पहले भी स्थानीय सांसदों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवैध खनन को रोकने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.