योगी कैबिनेट ने सूबे में जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लेते हुए दोषियों को फांसी की सजा देने का निर्णय लिया है. सरकार ने इसके लिए आबकारी एक्ट में नई धारा जोड़ी है. इस धारा के अनुसार शराब से मौत या स्थायी अपंगता पर दोषियों को आजीवन कारावास या 10 लाख का जुर्माना या दोनों अथवा मृत्युदंड तक का प्रावधान किया गया है.
जहरीली शराब से मौत पर ऐसी कड़ी सजा का प्रावधान करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में आबकारी एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दी गई.आबकारी अधिनियम 1910 काफी पुराना होने के कारण इसकी दो दर्जन से अधिक धाराएं बदली गई हैं. गिरफ़्तारी, निरुद्ध बरामदगी, सर्च वारंट, जमानत और गैर जमानती वारंट धाराओं में संशोधन कर अफसरों के अधिकार भी बढ़ाये गए हैं.
अभी तक अवैध शराब पीने से मौत होने पर सिर्फ मामूली जुर्माना के प्रावधान था जो 500 से 2000 रुपये तक का होता था.उधर आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार को शह देने, उसमें मिलीभगत या लापरवाही पर विभाग के अफसरों को निलंबित या बर्खास्त किया जा सकेगा.