सूत्रों के मुताबिक ट्रक के भीतर 30 पुलिसकर्मी मौजूद थे। ये धमाका शहर के बाहरी इलाके में हुआ है जो कि रिहाइशी नहीं है। क्वेटा के डीआईजी रज्जाक चीमा ने जिओ न्यूज को जानकारी दी कि शहर में आतंकी हमले के इनपुट मिले थे।
पिछले कुछ महीनों में बलूचिस्तान असुरक्षा के माहौल से गुजर रहा है। इस प्रांत में कई सड़क किनारे हुए धमाकों और आत्मघाती हमलों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया है। 26 सितंबर को भी शहर में उस वक्त धमाका हुआ जब 100 बच्चों को लेकर जा रही बस क्वेटा के हाना रोड से गुजर रही थी।
हमलावरों ने बस को निशाना बनाया था, ये बस शहर के सोरेंज इलाके से आ रही थी। हालांकि इस हमले में किसी भी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन ड्राइवर मामूली रूप से घायल हुआ था। वहीं 13 अगस्त को क्वेटा के पिशिन बस स्टॉप के नजदीक मिलिट्री ट्रक को भी आत्मघाती हमले के जरिए निशाना बनाया गया था।
इस हादसे में 15 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 8 सैनिक भी मारे गए थे। जून में भी क्वेटा के गुलिस्तान रोड क्षेत्र के शाहदा चौक के नजदीक आत्मघाती हमले में 14 लोगों की मौत हुई थी जिसमें सात पुलिसकर्मी शामिल थे।