वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को उनके गाजियाबाद स्थित उनके घर से हिरासत में लिया, जहां से उन्हें इंदिरापुरम थाने ले जाया गया। इंदिरापुरम थाने में उनसे घंटों पूछताछ के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन्हें गाजियाबाद स्थित सेशन कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पुलिस को ट्रांजिट रिमांड दे दी।
विनोद वर्मा पर एक व्यक्ति को धमकी देने और रंगदारी देने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। हालांकि कोर्ट में पेशी पर जाते समय विनोद वर्मा ने बयान दिया था कि उनके पास छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री राजेश मूणत से जुड़ी एक सेक्स सीडी है जिसकी वजह से उन्हें फंसाया जा रहा है। पुलिस ने भी दावा किया था के विनोद वर्मा के घर से 500 सीडी बरामद हुई हैं।
पुलिस के मुताबिक पत्रकार विनोद वर्मा के पास उन्हें सीडी व पेन ड्राइव मिली है, उनके खिलाफ प्रकाश बजाज नाम के शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी, हालांकि उसमें विनोद वर्मा का नाम नहीं था। पुलिस का कहना है कि सीडी की कॉपी बनाने वाले ने जानकारी दी कि ये सीडी विनोद वर्मा के कहने पर बनवाई गई थी।
पूरे मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस पर भी कई सवाल उठ रहे हैं
वहीं पूरे मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की निंदा की। उनका कहना है कि जिस सीडी को लेकर ब्लैकमेल करने का आरोप विनोद वर्मा पर लगा है, वो प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री की है। बघेल ने वो सीडी भी सार्वजनिक की, जिसमें मंत्री एक महिला के साथ कथित रूप से मंत्री आपत्तिजनक हाल में हैं।
वहीं मामला सामने आने के बाद भाजपा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर अपना रुख साफ किया। प्रदेश के भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि यह मामला ब्लैकमेलिंग का है। उन्होंने पत्रकार विनोद वर्मा को कांग्रेस का एजेंट बताया और पूछा कि भूपेश बघेल से उनका क्या रिश्ता है।
वहीं राज्य सरकार के जिन पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत पर सेक्स सीडी के आरोप लगे हैं वो भी प्रेस कान्फ्रेंस में सामने आए। उन्होंने कहा कि मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली की मेरे नाम से कोई सीडी जारी हुई है। मैं साफ कर देना चाहता हूं की इस तरह की कोई भी सीडी पूरी तरह फर्जी है।