आर्मको के उद्घाटन के मौके पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। प्रधान ने ट्विट के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि भारत, सऊदी अरब के लिए तेल और एलपीजी का सबसे बड़ा बाजार है। हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा।
कंपनी इसके लिए इंडियन ऑयल के कंशोर्शियम के साथ मिलकर के महाराष्ट्र में जल्द ही नई रिफाइनरी बनाने जा रही है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ महीने पहले तक भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति के मामले सऊदी अरब था, लेकिन पिछले 5 महीने से इराक ने यह जगह ले ली है। इसके साथ ही सऊदी अरब अब दूसरे स्थान पर चला गया है।
भारत वैश्विक तेल बाजार की स्थिति और अपने रिफाइनरियों के लचीलेपन का लाभ उठा रहा है जिससे अमेरिका जैसे नए देशों को जोड़ा जा रहा है। बता दें कि सऊदी अरब भारत में 19 फीसदी कच्चा तेल और 29 फीसदी एलपीजी आयात करता है। साल 2016-17 में, भारत ने सऊदी अरब के साथ 39.5 मिलियन टन के कच्चे तेल का आयात किया है।
भारत सरकार एनर्जी सेक्टर में अपना निवेश बढ़ाना चाहती है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी आर्मको, रिलायंस इंडस्ट्री, केन इंडिया समेत कई तेल कंपनियों के साथ आज बैठक करेंगे। इस बैठक के बाद एनर्जी सेक्टर में निवेश के कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी आर्मको भी भारत में निवेश करने की रुचि दिखा रही है।
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