आखिरकार वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया ने खुद यह बात स्वीकार कर ली है कि वह राजस्थान पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए गायब हुए थे। तमाम कयासों के बीच आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवीण तोगड़िया ने दावा किया कि राजस्थान पुलिस ने उनके एनकाउंटर की साजिश रची थी, इसलिए वह खुद वीएचपी दफ्तर से गायब हो गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वह हिंदू एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं, इसलिए उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। तेजतर्रार और आक्रामक छवि की पहचान रखने वाले तोगड़िया अपनी बात कहते हुए कई बार भावुक हो गए। उनकी आंखों में आंसू नजर आ रहे थे।
तोगड़िया के मुताबिक, उन्हें राजस्थान पुलिस के आने की जानकारी थी, लेकिन जब उन्हें एक व्यक्ति ने उनके घर में आकर यह बताया कि उनके एनकाउंटर की साजिश रची गई है तो उन्हें शंका हुई। इसके बाद वह अपनी सुरक्षा में तैनात सिक्यॉरिटी को बताकर ऑटो से रवाना हुए थे। तोगड़िया कहा कि उन्होंने अपना फोन खुद स्विच ऑफ किया था ताकि पुलिस उनकी लोकेशन न जान सके।
तोगड़िया ने दावा किया कि उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मैंने राजस्थान की सीएम और गृह मंत्री से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि उनके पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर आपकी गिरफ्तारी की बात होती तो हमें पता होता। इसके बाद मैंने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया।’
वीएचपी नेता ने बताया कि उन्होंने इसके बाद वकीलों से संपर्क किया और अरेस्ट वॉरंट को हाई कोर्ट जाकर रद्द करवाने को कहा, लेकिन वकीलों की ओर से कहा गया कि अदालत का आदेश है, कैंसल नहीं होगा। तोगड़िया ने कहा, ‘इसके बाद मैंने तय किया कि मैं खुद इसके खिलाफ कोर्ट जाऊंगा। मैं फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट की ओर बढ़ा। इस बीच तबीयत बिगड़ गई। चक्कर आने लगा, पसीना आने लगा। इसके बाद मैं बेहोश हो गया। इसके बाद क्या हुआ, मुझे कुछ नहीं पता।’ यह बात कहते हुए तोगड़िया भावुक हो गए। उनकी आवाज़ भरभराने लगी और आंखों में आंसू आ गए।