पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले अपने आखिरी पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दे सकती है।चुनाव में उतरने से पहले सरकार मिडल क्लास को साधने के लिए टैक्स में बड़ी राहत दे सकती है। मध्यम वर्ग को बीजेपी का सबसे बड़ा आधार माना जाता है। बजट को लेकर सरकार के बीच चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सरकार और पार्टी के एक बड़े वर्ग का कहना है कि बजट में मि़डल क्लास के लोगों का ख्याल रखा जाना चाहिए।
हालांकि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी और जीएसटी के चलते रेवेन्यू घटने की वजह से सरकार को लोगों को रियायत देने के लिए संसाधन तलाश करने होंगे। सूत्रों का कहना है कि सरकार का एक वर्ग स्टॉक मार्केट ट्रांजैक्शंस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को बढ़ाने के पक्ष में है। सूत्रों के मुताबिक 5 लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर यह राहत मिलेगी। इसके अलावा लेवी भी 10 फीसदी से भी कम की जा सकती है। एनडीए सरकार मिडल क्लास और गरीब तबके के लोगों को लुभाने वाला बजट पेश करने की तैयारी में है।
यदि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ती है तो टैक्स में छूट का फैसला लेते हुए सरकार को यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे उसके फ्लैगशिप कार्यक्रमों के लिए संसाधनों की कमी न हो सके। फिलहाल 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। इसके अलावा पीपीएफ और 5 साल के लिए बैंक खातों में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट मिलती है। वहीं, इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80सी के तहत भी टैक्स में कई तरह की छूट मिलती हैं।