मध्यप्रदेश के अपने दौरे पर प्रधानमंत्री दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस एक्सप्रेसवे को लगभग 11,895 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली और वडोदरा के बीच सड़क यात्रा का समय घटकर सिर्फ 10 घंटे रह जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी सोमवार को चुनावी राज्य मध्यप्रदेश का दौरा करेंगे। पीएम मोदी दोपहर करीब साढ़े तीन बजे ग्वालियर पहुंचेंगे, जहां वह करीब 19,260 करोड़ रुपये की कई विकास पहलों का शिलान्यास करेंगे। इस दौरान वह दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस एक्सप्रेसवे के खुल जाने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और वडोदरा की दूसरी महज 10 घंटे की हो जाएगी। यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा है।
आइये जानते हैं कि क्या है दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे? इसके खुलने से क्या होगा? यह एक्सप्रेसवे खास क्यों हैं? दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे क्या है?
क्या है दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे?
मध्यप्रदेश के अपने दौरे पर प्रधानमंत्री दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस एक्सप्रेसवे को लगभग 11,895 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। केंद्र सरकार ने इसे देशभर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की एक और पहल बताई है।
बता दें कि यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दूसरा खंड है। इससे पहले 11 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड राष्ट्र को समर्पित किया था।
इसके खुलने से क्या होगा?
यह एक्सप्रेसवे राजधानी दिल्ली से शुरू होकर सोहना, दौसा, लालसोट सवाई माधोपुर, कोटा, रतलाम दाहोद और गोधरा से गुजरते हुए वडोदरा को कवर करेगा। इसके साथ ही यह जयपुर, चित्तौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों को भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। दिल्ली-वडोदरा खंड मध्यप्रदेश में कुल 244 किमी की दूरी को कवर करेगा।
नया एक्सप्रेसवे मुसाफिरों के यात्रा के समय को लगभग आधा कर देगा। इससे पहले अलग-अलग मार्ग से दोनों शहरों के बीच सफर करने में लगभग 18-20 घंटे लगते थे। अब दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली और वडोदरा के बीच सड़क यात्रा का समय घटकर सिर्फ 10 घंटे रह जाएगा।
10 घंटे का समय इस मार्ग पर सबसे तेज ट्रेन तेजस से भी कम है। दिल्ली और वडोदरा के बीच सबसे तेज ट्रेन मुंबई सेंट्रल तेजस राजधानी 10 घंटे और 45 मिनट का समय लेती है। वहीं अन्य ट्रेनों की बात करें तो वो 12 से 15 घंटे के बीच समय लेती हैं। वहीं पहले सड़क मार्ग से दोनों शहरों के बीच की दूरी 1,000 किमी से अधिक थी। हालांकि, नए एक्सप्रेसवे के साथ यह दूरी घटकर महज 845 किमी रह जाएगी।
क्या है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे?
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को जिस दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे करेंगे वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दूसरा खंड है। दरअसल, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की आधारशिला नौ मार्च 2019 को रखी गई थी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया, जो फरवरी 2023 से चालू है। इस खंड के चालू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे हो गया। पूरी परियोजना की बात करें तो 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 98,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की क्या खासियत है?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। यह राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली और मुंबई के बीच संपर्क को बढ़ाएगा। एक्सप्रेस-वे 93 पीएम गति शक्ति टर्मिनल, 13 बंदरगाहों, आठ प्रमुख हवाई अड्डों और आठ मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे और जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह जैसे नए आने वाले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी जोड़ेगा।
इसके अलावा, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के छह राज्यों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार करेगाI
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली और मुंबई के बीच आवागमन के समय को लगभग 24 घंटे से घटाकर 12 घंटे करने और दूरी में 130 किलोमीटर की कमी होने की उम्मीद है। इससे 32 करोड़ लीटर से अधिक के वार्षिक ईंधन की बचत होगी और कार्बन डाई ऑक्साईड (CO2) उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की राजमार्ग के किनारे 40 लाख से अधिक वृक्ष और झाड़ियां लगाने की योजना भी है।
एक्सप्रेसवे में आठ लेन सुरंगें भी होंगी
यह एक्सप्रेस-वे एशिया में पहला और दुनिया में दूसरा है जिसमें वन्यजीवों की बिना रोक-टोक आवाजाही की सुविधा के लिए पशु पुल (अंडरपास) की सुविधा है। इसमें तीन वन्य जीव और पांच हवाई पुल (ओवरपास) होंगे जिनकी कुल लंबाई सात किमी होगी। एक्सप्रेसवे में दो बड़ी आठ लेन सुरंगें भी शामिल होंगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे विभिन्न वनों, शुष्क भूमि, पहाड़ों, नदियों जैसे कई विविध क्षेत्रों से गुजरता है। अधिक वर्षा वाले वडोदरा-मुंबई खंड के लिए कठोर फुटपाथ डिजाइन को अपनाया गया है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के 94 सुविधाओं यानी वे साइड अमेनिटीज -डब्ल्यूएसए बनाई गई हैं। रास्ते के किनारे की सुविधाओं में पेट्रोल पंप, मोटल, विश्राम क्षेत्र, रेस्तरां और दुकानें होंगी। इन वे साइड सुविधाओं में चिकित्सा आपात स्थिति के मामले में संपर्क बढ़ाने और लोगों को निकालने के लिए हेलीपैड भी इस एक्सप्रेसवे पर होंगे।
एक्सप्रेसवे पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकेंगे
एक्सप्रेसवे केवल सफर ही सुगम नहीं करेगा बल्कि आपात स्थिति में इस पर फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकेंगे। इस सड़क को रोड रनवे के रूप में विकसित किया जा रहा है। सोहना के अलीपुर से मुंबई के बीच इस पर करीब 55 स्थानों पर ऐसे हिस्से विकसित किए जा रहे हैं, जहां फाइटर प्लेन को आसानी से उतारा जा सके। अलीपुर से दौसा तक करीब 296 किलोमीटर के हिस्से में ही करीब 10 ऐसे हिस्से हैं, जहां फाइटर प्लेन आसानी से उतारे जा सकते हैं।