रेलवे की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को प्रोत्साहित करने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से स्टेशनों पर बॉटल रिसाइकिलिंग मशीनें लगाई जा रही हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे से लेकर पश्चिम रेलवे तक के स्टेशनों पर इन मशीनों का इस्तेेमाल तेजी से हो रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
मुम्बई व जयपुर रेलवे स्टेशनों की तर्ज पर ही उत्तर रेलवे के चारबाग व पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशनों पर भी इन बॉटल रिसाइकिलिंग मशीनों को लगाने की योजना है। मशीनों से यात्री खुद खाली बोतलों को रिसाइकिल कर फायदा उठा सकेंगे। इससे एक ओर पर्यावरण को फायदा पहुंचेगा तो वहीं यात्रियों को भी डिस्काउंट की सुविधा दी जा रही है।
बॉटल रिसाइकिल मशीन में खाली बोतल को क्रश कर टुकड़ों में बदल दिया जाएगा, जिसके बाद इसे फाइबर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को दिया जाएगा। कंपनी इस रिसाइकिल प्लास्टिक से बैग व कारपेट बनाएगी। इसके अतिरिक्त फाइबर के कपड़ों का निर्माण भी कंपनी करेगी।
पैसेंजर को एक बोतल रिसाइकिल करने पर एक कूपन मिलेगा और ऐसे पांच कूपनों पर डिस्काउंट मिलेगा। यात्री के पास तीन ऑप्शन होंगे। चाहे तो वह डिस्काउंट को दान कर दे, मोबाइल रिचार्ज करवा ले या फिर इनसे सुपरमार्केट में खरीदारी में छूट ले ले। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि एक मशीन पर सात लाख रुपये खर्च आएगा।
‘पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता के प्रति उत्तर रेलवे प्रतिबद्घ है। चूंकि, मुम्बई व जयपुर में बॉटल रिसाइकिल मशीन लगी हुई हैं। उत्तर रेलवे के स्टेशनों पर भी इन्हें लगाने की प्लानिंग है। जल्द ही ये मशीनें लगाई जाएंगी जिससे रेलवे के साथ यात्रियों को भी फायदा मिलेगा।’ -नीरज शर्मा, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, उत्तर रेलवे