रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने कोरोना संकट के बीच अपने यूजर्स की मदद के लिए बड़ा तोहफा दिया है. इसके तहत जियो यूजर्स अब सिर्फ व्हाट्सऐप (WhatsApp) की मदद से अपना मोबाइल नंबर रीचार्ज (Mobile Recharge) कर सकेंगे. यही नहीं, यूजर्स अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर पर कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) की उपलब्धता की जानकारी भी ले सेकेंगे. जियो ने यह सर्विस व्हाट्सऐप चैटबॉट के जरिये शुरू की है. कंपनी के मुताबिक, अब जियो यूजर्स व्हाट्सऐप की मदद से बिलों का भुगतान, सवालों के जवाब और शिकायत करने के साथ ही चैटबॉट पर कई सेवाओं का फायदा ले सकेंगे.
नई सर्विस के लिए इस नंबर पर लिखना होगा ‘Hi’
जियो ने अपने ग्राहकों को व्हाट्सऐप की मदद से सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नई सर्विस शुरू की है. यह सर्विस फोन नंबर 7000770007 पर उपलब्ध है. इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको केवल ‘Hi’ लिखना है. इस सर्विस के जरिये आप अपने आसपास कोविड वैक्सीन की उपलब्धता का पता लगा सकेंगे. यही नहीं, कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता की जानकारी आप बिना वनटाइम पासवर्ड के इस चैटबॉट के जरिये जान सकेंगे. जियो का यह व्हाट्सऐप चैटबॉट दूसरे मोबाइल नेटवर्क के लिए भी काम करता है. इसकी मदद से वैक्सीन से संबंधित जानकारी के साथ जियो अकाउंट रीचार्ज भी किया जा सकता है.
ऐसे ले सकते हैं वैक्सीन की उपलब्धता की जानकारी
रिलायंस जियो की इस नई सेवा जियो केयर व्हाट्सऐप चैटबॉट (JioCare WhatsApp chatbot) के जरिये यूजर्स अपने चैट में पिनकोड को पोस्ट करके, फिर क्षेत्र के पिनकोड को टाइप करके वैक्सीन सेंटर और उपलब्धता के सर्च को रिफ्रेश कर वैक्सीन की जानकारी ले सकते हैं. जियो के यूजर अब व्हाट्सऐप चैट के जरिये मोबाइल पोर्टेबिलिटी सर्विस, जियो सिम, जियो फाइबर इंटरनेट, जियो मार्ट और अंतरराष्ट्रीय रोमिंग का सपोर्ट भी ले सकते हैं. चैटबॉट को नॉन-जियो नेटवर्क या बिना रजिस्ट्रेशन वाले नंबर से एक्सेस करने पर अकाउंट से संबंधित जानकारी देने से पहले यूजर का वेरिफिकेशन किया जाता है.
हिंदी और अंग्रेजी भाषा में चैट का दिया है विकल्प
जियो ने यूजर्स को भाषा बदलने का विकल्प भी इस नई सेवा में दिया है. अगर आप चैटबॉट की भाषा बदलना चाहते हैं तो चेंज चैट लैंग्वेज (change chat language) के ऑप्शन को क्लिक करें और हिंदी या अंग्रेजी में से अपनी सहूलियत के हिसाब से भाषा का चयन कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस सर्विस में भविष्य में दूसरी भाषाओं को भी शामिल किया जाएगा.