प्रत्येक एक प्रतिशत पद ऑटिज्म, बौद्धिक अक्षमता, सीखने-समझने की विशिष्ट अक्षमता एवं मानसिक व्याधियों से ग्रस्त लोगों के लिये आरक्षित होगा. दिव्यांगता अधिकार विधेयक-2016 के पारित हो जाने के बाद सीखने-समझने की अक्षमता से ग्रस्त लोगों एवं तेजाब हमला पीड़ितों के लिये आरक्षण कोटा बढ़ाने एवं इस संबंध में संबंधित नियमों की अधिसूचना जारी करने का कदम सामने आया है. वर्ष 2005 में डीओपीटी के इससे पहले के आदेश के अनुसार कुल पदों का तीन प्रतिशत दिव्यांगजन के लिये आरक्षित होता था.