समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद अब राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल भक्तों की पहचान करने का अभियान शुरू किया है। इसके लिए प्रदेश भर में पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं। पर्यवेक्षक प्रदेश स्तर के पदाधिकारी हैं, जो जनपदों में जाकर जल्द ही चुपचाप अपने काम में जुटेंगे। यह लोग सपा समर्थकों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की मानसिकता भी जानने की कोशिश करेंगे। जानेंगे कि अखिलेश और शिवपाल को लेकर वे क्या सोच रखते हैं।

बताया जा रहा है कि जब तक पूरी पार्टी अखिलेश विचारधारा में तब्दील नहीं हो जाती है, पर्यवेक्षक और पार्टी के अंदर इस पर काम चलता रहेगा। इस बीच पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर अक्टूबर में ही कई प्रमुख जनपदों की इकाइयों में फेरबदल भी किया जाना संभव है।
सूत्रों के अनुसार कानपुर नगर, ग्रामीण और देहात के अलावा, फतेहपुर, इटावा, लखनऊ, उन्नाव, झांसी, बांदा, इलाहाबाद, गोरखपुर की इकाईयाें मेें सबसे पहले नए सिरे से गठन किया जाएगा। दो दिन पहले आगरा में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कोर कमेटी के बीच यह भी तय हुआ है कि शिवपाल समर्थकों को तत्काल पार्टी से आउट नहीं किया जाएगा। उनकी पार्टी को लेकर क्या गतिविधियां हैं इस पर नजर रखी जाएगी। इसके साथ उन्हें, अखिलेश यादव की विचारधारा वाली सपा से जुड़ने के लिए नए सिरे से सोचने को कहा जाएगा। एक तरह से ऐसे लोग जो थोड़े शिवपाल और थोड़े अखिलेश वादी हैं, उनकी काउंसलिंग भी की जाएगी।
सक्रिय सदस्यों की रिपोर्ट पहुंची
समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों अपने सक्रिय सदस्यों की एक रिपोर्ट पर्यवेक्षकों के जरिए तैयार करायी थी, जो प्रदेश कार्यालय पहुंच गई है। जल्द ही इस रिपोर्ट के आधार पर पार्टी में कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी देने पर विचार किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने बताया कि सक्रिय सदस्यों की रिपोर्ट पहले आ गई थी, बीच में अधिवेशन की वजह से उस पर अमल
नहीं हो पाया। अब संगठन की मजबूती के लिए सिलसिलेवार काम शुरू होगा।
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