अच्छी खुशबु से हमारा दिल खुश हो जाता है, वहीं दुर्गंध हमारा दिन खराब कर देती है. गंध से किसी व्यक्ति और वस्तु की पहचान भी हो सकती है और ये काम करती है हमारी नाक. चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के साथ यह चीजों को सूंघने में भी मदद करती है. कभी आपने सोचा है कि नाक में दो छेद क्यों होते है.
इसे समझने के लिए रिसर्च की गई जिसके अनुसार नाक का एक छेद दूसरे छेद की तुलना में ज्यादा तेजी से सांस लेती है. यह भी बता दे कि प्रत्येक दिन दोनों नासिका छिद्रो की यह क्षमता बदलती रहती है. यह कोई शारीरिक गलती नहीं है, असल में ये अच्छी बात है. नाक की यह दोनों छेद चीजों की गंध को समझने में मदद करती है. नाक उन गंध के प्रति उदासीन हो जाती है जिन्हें हम प्रतिदिन सूंघते है.
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नाक उन गंधो की पहचान तुरंत करती है जो नई-नई महसूस होती है. हम चीजों की गंध ले सकते है क्योंकि हवा में कण नाक में घुस जाते है, यह एक गंध सेंसर है. नाक की एयरफ्लो की अलग गति होने के कारण नाक के छिद्र से गंध को महसूस करना कम-ज्यादा होता है.