अनाथ आश्रम में हुए गंदे काम के उजागर होने के बाद शुक्रवार दोपहर महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह और सदस्य निर्मला दीक्षित निरीक्षण के लिए पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने आश्रम के चप्पे चप्पे का निरीक्षण किया। आश्रम परिसर की एक टूटी दीवार की तरफ निरीक्षण के दौरान उनकी निगाह गई तो नजारा देख वो हैरान रह गईं।
यहां बीयर की खाली केन पड़ी हुई थीं। इस बाबत जब उन्होंने आश्रम के पदाधिकारियों से जवाब तलब किया तो संतोषजनक जवाब उन्हें नहीं मिला। आश्रम में रहने वाली लड़कियों के मोबाइल भी उन्होंने चैक किये। इस दौरान उनके साथ महफूज संस्था के पश्चिमी उप्र संयोजक नरेश पारस भी थे।
इससे पूर्व आयोग उपाध्यक्ष आशा ज्योति केंद्र में दुष्कर्म पीड़िता से मिलने पहुंची थीं। यहां की अव्यवस्थाएं देखकर वे जमकर भड़कीं। उन्होंने यहां के स्टाफ और तैनात महिला पुलिसकर्मियों को भी फटकार लगाई। हेल्प लाइन 181 आशा ज्योति केंद्र में तैनात अधिकांश पुलिसकर्मी वर्दी में नही मिलींं।
इसके अलावा केंद्र में लगी बॉयोमैट्रिक मशीन भी खराब मिली। केंद्र के मेडिकल कैम्प के निरीक्षण के दौरान वहां पर अक्टूबर 2019 की एक्सपायरी डेट की दवाएं मिलीं। जबकि इन दवाओं को एक अक्टूबर से नहीं खिलाना चाहिए था। महिला आयोग की उपाध्यक्ष के पहुंचने के एक घंटे बाद भी डीपीओ नही पहुंचे। इस दौरान कई पीड़ित भी अपनी समस्या को लेकर आये। उनकी भी सुनवाई की।
हुआ था आश्रम में गंदा काम
शहर के प्रमुख अनाथ आश्रम में सनसनीखेज मामला गुरुवार को सामने आया। यहां किशोरों ने आश्रम में ही रह रही युवती के साथ गंदी हरकत कर दी। आहत युवती ने जब जान देने के इरादे से यमुना में छलांग लगा दी तो मामला खुला। नदी किनारे बैठे लोगों ने युवती को बचा लिया है और उसका उपचार चल रहा है। इधर पुलिस ने आश्रम में रह रहे आरोपित किशोरों से पूछताछ की है।
उपचार के दौरान युवती ने आश्रम के ही तीन नाबालिगों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। आरोपित दो लोगो की उम्र 16 और एक की उम्र नौ वर्ष है। इस पर पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने युवती का मेडिकल कराया है।
आरोपित किशोरों से पूछताछ की जा रही है। दूसरी तरफ इस मामले में अनाथ आश्रम प्रशासन का कहना है कि युवती मानसिक रूप से पीड़ित है। उसका मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में इलाज भी चल रहा है। आश्रम के अन्य बच्चे भी इस घटना के बाद विचलित हैं। पुलिस मुकदमा लिखने की तैयारी में है।