आरके जैन मेरठ खंड गंगनहर में एक माह पहले ही अधिशासी अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नत हुए हैं। हालांकि, अभी भी वह अधिशासी अभियंता का ही जिम्मा संभाल रहे हैं। वह खुद बाउंड्री रोड स्थित सरकारी आवास नंबर ए-6 में और उनका परिवार गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-9 में रहता है।
गाजियाबाद में ही उनका बेटा फाइनेंस कंपनी चलाता है। आरके जैन सुबह करीब 6:30 बजे अपने सरकारी आवास पहुंचे थे। वह बाथरूम में थे, तभी तीन गाड़ियों में करीब आधा दर्जन आयकर अधिकारी, कर्मचारी और पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। अधिकारियों ने वहां मौजूद चपरासी से उनके बारे में पूछा और अंदर जाकर बैठ गए।
आरके जैन के बाथरूम से बाहर आते ही अफसरों ने अपना परिचय दिया। उनका और चपरासी का मोबाइल फोन कब्जे में लेकर घर की तलाशी शुरू कर दी। अफसरों ने पूरे आवास में गहन तलाशी कराई। तमाम फाइलें और अभिलेख खंगाले, लेकिन कुछ नहीं मिला।
फिर पहुंचे बड़े अधिकारी
करेंसी मिलने की सूचना पर अपर/संयुक्त आयकर निदेशक (जांच) एमके जैन अपराह्न करीब तीन बजे मौके पर पहुंचे। उनके सामने नोटों की गिनती हुई तो पता चला 17 लाख रुपये दो-दो हजार के नए नोट के रूप में हैं, जबकि पांच लाख पुरानी करेंसी में हैं। इन रुपयों के बारे में आरके जैन आयकर विभाग को कोई जवाब नहीं दे सके।
रात में खुलवाया बैंक लॉकर
आयकर टीम देर रात ईव्ज चौराहा स्थित सिंडिकेट बैंक पहुंची। शाखा खुलवाकर आरके जैन के दो लॉकरों की जांच की। इसमें 2.45 करोड़ की पुरानी करेंसी और 30 किलो चांदी बरामद हुई। इससे पूर्व सुबह ठीक 10 बजे आयकर विभाग की एक टीम आरके जैन के कार्यालय पहुंची और उनकी अलमारी, मेज की दराज आदि की तलाशी ली गई, लेकिन कुछ नहीं मिला।
हमारी नजर निरंतर काले धन पर है। इसी कड़ी में यह छापा मारा गया है। अभी तक कुल 2.67 करोड़ रुपये और 30 किलो चांदी मिली है। इसमें 17 लाख रुपये नई करेंसी के रूप में हैं। जांच पूरी होने के बाद ही सही स्थिति स्पष्ट की जाएगी
मेरा एक बेटा फाइनेंस कंपनी चलाता है और एक प्रॉपर्टी का काम करता है। मेरे पास से मिले पैसे उन दोनों के ही हैं। बाकी मुझे इस संबंध में अभी कुछ नहीं कहना है।