अजमेर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी की स्पेशल कोर्ट द्वारा अजमेर दरगाह में हुए बम धमाकों के मामले में 8 मार्च को निर्णय सुनाया जाएगा। हालांकि एनआईए के वकील ने कथित तौर पर कहा है कि भाजपा सरकार के दबाव में गवाह बयान से पलट रहे हैं जिससे यह केस प्रभावित हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हिंदूवादी संगठन के 13 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
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मिली जानकारी के अनुसार इस मामले के आरोपियों के तौर पर स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वासनानी, लोकेश शर्मा, हर्षद भारत, मोहन रातिश्वर, संदीप डांगे, रामचंद्र कलसारा, भवेश पटेल, सुरेश नायर और मेहुल बम धमाके के आरोपी बनाए गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों पर अजमेर शरीफ दरगाह के ही साथ हैदराबाद की मक्का मस्जिद में बम धमाके की साजिश रचने का आरोप था।
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पुलिस द्वारा धमाके के स्थान से सिम और मोबाईल जब्त किए थे, जिसे लेकर बात सामने आई थी कि आरोपियों ने इनका उपयोग किया था। यह बात सामने आई थी कि ये सिम कार्ड झारखंड और पश्चिम बंगाल से क्रय की गई थी। दरअसल ये धमाके 2002 में अमरनाथ यात्रा के ही साथ रघुनाथ मंदिर पर हुए हमले के बदले के तौर पर प्लान किए गए थे। 11 अक्टूबर 2007 को शाम करीब 6.15 बजे अजमेर दरगाह में धमाका हुआ, जिसे लेकर जांच की गई।
इस जांच कार्रवाई के दौरान करीब 184 लोगों के प्रकरण दर्ज हुए और इसमें 26 महत्वपूर्ण लोग अपने बयान से पीछे हट गए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इंद्रेश कुमार का नाम भी साजिशकर्ता में था। मगर बाद में इंद्रेश को आरोपी नहीं बनाया। हालांकि इस मामले में एनआईए ने इंद्रेश कुमार पर आरोप नहीं लगाए।
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