स्कूल या कॉलेज के हर क्लास में दो तरह के बच्चे होते हैं एक तो वो जो पुरे साल पढ़ाई करते हैं और दूसरे वो जो एक दिन पहले किताबे खोला करते हैं ,लेकिन एक दिन में अगर सब कुछ पढ़ना आसान होता तो आज सब बच्चे ऐसा ही करते। पास होना तो सब चाहते हैं लेकिन अगर परीक्षा में कुछ आये ही नहीं तो कर भी क्या सकते हैं। इस परीक्षा के लिए वे छात्र तो पूरी तरह से तैयार रहते हैं जिन्होंने पूरे साल पढ़ाई की होती है। लेकिन इस वक़्त ‘मौज मारने’ वाले छात्रों की मौज कहीं गायब हो जाती है और वे लग जाते हैं पेपरों का जुगाड़ बैठाने में। मौज मारने वाले छात्रों द्वारा चलाए गए इस ‘जुगाड़ अभियान’ का एक ही मकसद होता है, परीक्षा हॉल में मौजूद टीचर की आंखों में धूल झोंक कर Exam में पास होना।