चाइना डेवलपमेंट बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन को 1.78 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। बैंक ने कंपनी द्वारा कर्ज भुगतान में चूक करने के बाद आरकॉम के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के मुंबई पीठ में मामला दर्ज कराया है। बैंकिंग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि भारतीय कर्जदाता चाइना डेवलपमेंट बैंक की याचिका पर आपत्ति जता सकते हैं क्योंकि वे पहले से ही आरकॉम के साथ कर्ज निपटान योजना पर काम कर रहे हैं।
आरकॉम ने जताया आश्चर्य
आरकॉम के अंदरूनी लोगों ने कहा कि उन्हें चाइना डेवलपमेंट बैंक या एनसीएलटी से अभी कोई निर्देश नहीं मिला है। वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कंपनी ने चाइना डेवलपमेंट बैंक द्वारा यह कदम उठाने पर आश्चर्य जताया है। कंपनी ने कहा कि बैंक पहले से कर्जा निबटाने वाले समूह से जुड़ा हुआ है, ऐसे में इस तरह की याचिका दायर करना कहां तक उचित है।
रिलायंस टेलीकॉम के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर गुरदीप सिंह ने अपने एक बयान में कहा है, ‘हम एक स्थिति में हैं कि हमें वायरलेस बिजनेस को बंद करना पड़ रहा है। हम वायरलेस सर्विस को 30 दिनों से ज्यादा चालू नहीं रख सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि कंपनी आईएलडी वॉइस, कंज्यूमर वॉयस, मोबाइल टावर और 4जी पोस्टपेड डोंगल तब तक चालू रखेगी। इसके अलावा कंपनी की सारी सेवाएं बंद होंगी। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी पर 46,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। रिलायंस कम्यूनिकेशन ने अपने 7 हजार से अधिक कर्मचारियों की छुट्टी करने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने अपनी तरफ से सभी कर्मचारियों को एक महीने का नोटिस थमा दिया है।
नहीं हो पाया था एयरसेल के साथ मर्जर
बता दें कि पिछले महीने ही एयरसेल के साथ आरकॉम का मर्जर होने वाला था जो कि नहीं हो पाया। इसके अलावा कंपनी के DTH बिजनेस का लाइसेंस 21 नवंबर को खत्म हो गया है। ऐसे में कंपनी डीटीएच सर्विस भी बंद कर दी है। गौरतलब है कि घाटे में चल रही आरकॉम और सिस्टेमा श्याम के मर्जर को टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने हाल ही में मंजूरी दी है।
बेचेगा अपना टॉवर बिजनेस भी
कंपनी अपना टॉवर बिजनेस भी बेचने की तैयारी में है। इसके लिए कनाडा की कंपनी ब्रुकफील्ड से बात चल रही है। हालांकि अभी कंपनी का टॉवर बिजनेस काफी अच्छा प्रॉफिट दे रहा है, लेकिन इसमें रिलायंस अपनी हिस्सेदारी बेचने पर लगा हुआ है। जियो के कारण अनिल अंबानी की कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।