मध्यप्रदेश के खरगोन में मंगलवार को दो छात्रों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के विरोध में दलित कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों छात्रों के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। एफआईआर के मुताबिक दोनों छात्रों ने फेसबुक पर हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट किए थे, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
पुलिस ने खरगोन सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज के दो छात्रों की शिकायत पर रितेश महेश्वरी और ओजस निजली के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। पुलिस ने बताया कि महेश्वरी ने अपने फेसबुक पोस्ट पर आश्चर्य प्रकट करते हुए लिखा है कि लोग दिवाली के अवसर पर देवी लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की पूजा क्यों करते हैं, उन्हें इस दिन भगवान राम की पूजा करनी चाहिए, जो दिवाली के दिन ही अयोध्या लौटे थे।
जबकि निजली ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भारत में लक्ष्मी और कुबेर जैसे देवी-देवता हैं, फिर भी हंगर इंडेक्स में भारत 100वें पायदान पर है। अनुसूचित जाति जनजाती सरक्षण मोर्चा दोनों छात्रों की गिरफ्तारी के खिलाफ खरगोन में प्रदर्शन कर रहा है।
दलित कार्यकर्ताओं का कहना है कि छात्रों के पोस्ट में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के खिलाफ है। पुलिस का कहना है कि पोस्ट आपत्तिजनक है या नहीं ये कोर्ट तय करेगी। इलाके के एसपी डी कल्याण चक्रबर्ती का कहना है कि कुछ लोग इस मामले को अलग रंग देने में लगे हुए हैं।