सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी चंदे के नियम में बदलाव पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। इस बारे में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और अन्य ने जनहित याचिका दायर की है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट-2010) में हुए बदलाव के बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी विदेशी कंपनी से असीमित तौर पर चंदा ले सकती है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने गृह मंत्रालय को यह नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2014 और 2015 में इसी तरह की याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसका संज्ञान लिया गया था। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को पलटकर विदेशी धन अर्जित करने के मामले में भाजपा और कांग्रेस दोनों दोषी हैं। याचिका में कहा गया है कि इसके माध्यम से राजनीतिक पार्टियां असीमित तौर पर विदेश धन एकत्र कर सकेंगी।
सरकार ने पहले वित्त विधेयक 2016 के जरिए विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) में संशोधन किया था।इसके तहत राजनीतिक दलों को 1976 के बाद मिले विदेशी चंदे की अब जांच नहीं हो सकेगी। यानी इससे दलों के लिये विदेशी चंदा लेना आसान हो जाएगा।
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